वॉशिंगटन। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार राष्ट्रपति बराक ओबामा का प्रशासन अमेरिकी चुनाव में रूस के साइबर-हस्तक्षेप पर उसके खिलाफ अनेक प्रतिशोधात्मक कदमों की घोषणा करने वाला है।
ओबामा ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने खुद साइबर हैकिंग का आदेश दिया। कई डेमोक्रेट मानते हैं कि इस हैकिंग के कारण हिलेरी क्लिंटन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के बीच के कड़े मुकाबले में हिलेरी को नुकसान पहुंचा।
अमेरिका के खुफिया समुदाय ने निष्कर्ष निकाला कि डेमोकेट्रिक पार्टी और हिलेरी के सहयोगियों के ई-मेल को हैक करके जारी कर देने का काम ट्रंप को ओवल कार्यालय पहुंचाने के लिए किया गया था। राजनीतिक रूप से नौसीखिया ट्रंप ने पुतिन की तारीफ की थी।
‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ ने बुधवार को कुछ अधिकारियों के हवाले से कहा कि इन कदमों की घोषणा इसी सप्ताह किए जाने की तैयारी है। इन कदमों में आर्थिक प्रतिबंध, राजनयिक आलोचना और साइबर अभियान जैसी गोपनीय कार्रवाई शामिल है।
सीएनएन के अनुसार अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के मुताबिक रूसी दुष्प्रचार अभियान से जुड़े जिन लोगों ने हिलेरी के प्रचार अभियान को निशाना बनाया था, उनके नाम भी योजनाओं के तहत उजागर किए जा सकते हैं। रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन और लिंडसे ग्राहम ने अमेरिकी चुनाव में रूसी दखल पर अमेरिका की और भी कड़ी प्रतिक्रिया की अपील की।
मैक्केन ने फॉक्स न्यूज से कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को इस दुर्व्यवहार के लिए रूस पर प्रतिबंध बढ़ा देने चाहिए। मैक्केन ने बाल्टिक देशों में अमेरिका की स्थायी सैन्य मौजूदगी बनाने और यूक्रेन को हथियारों से लैस करने पर जोर दिया।
ग्राहम ने कहा कि आपको रूस पर एक दीर्घकालीन तरीके से वार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओबामा यदि 20 जनवरी को पद छोड़ने से ठीक पहले यानी अब कार्रवाई करते हैं तो इससे गलत संकेत जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि रूस के खिलाफ भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों का उद्देश्य उसे दंडित करना नहीं बल्कि रोकना है।
सीएनएन ने रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा के हवाले से कहा कि रूस अमेरिका की ओर से उठाए गए शत्रुतापूर्ण कदमों पर प्रतिक्रिया देगा। (भाषा)