स्ट्रैटफ़ोर्ड फेस्टिवल के दौरान रखा गया यह आयोजन सर्विस डॉग्स की ट्रेनिंग का एक हिस्सा था। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को जरूर थोड़ी निराशा हुई क्योंकि थिएटर में तालियों की गड़गड़ाहट नहीं हुई। ऐसी ट्रेनिंग के पीछे ट्रेनर्स का उद्देश्य डॉग्स को शांति से एक जगह बिठाना भी था। हालांकि कुछ डॉग्स का ध्यान थिएटर में चल रही प्रस्तुति पर था।
सर्विस डॉग्स अपनी ट्रेनिंग करीब 2 वर्ष में पूरी करते हैं, जिनमें चिड़ियाघर, सबवे और भीड़भरे मेलों में जाना भी शामिल है, ताकि वे अलग-तरह की आवाजों, रोशनियों और भीड़ की हलचल से रूबरू हो सकें।