अब्बासी ने कहा कि हम करमाफी योजना की पेशकश कर रहे हैं जिसके तहत लोग उनकी 30 जून 2017 से पहले की अघोषित राशि का खुलासा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मात्र 5 प्रतिशत का जुर्माना देना होगा। उन्होंने कहा कि देश से बाहर स्थित ऐसी संपत्तियां जिनका दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है, उनको भी महज 2 प्रतिशत जुर्माना भरकर कर दायरे में लाया जा सकता है।
अचल संपत्तियों पर 3 प्रतिशत जुर्माना लगेगा और इसका आकलन उसके बाजार मूल्य के आधार पर किया जाएगा। विदेश में रखी नकदी, प्रतिभूति एवं बॉण्ड के रूप में रखी गई संपत्ति तथा डॉलर खातों का खुलासा करने पर 5 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सिर्फ करदाता ही विदेशी मुद्रा विनिमय खाता खोल सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत खुलासा करने वाले लोगों को जवाबदेही तथा अन्य कानूनों से एक बार ही छूट मिलेगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति में शामिल जिन लोगों का ऐसे मामलों में पर्दाफाश हो चुका है, उन्हें इस माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में महज 12 लाख लोग ही आयकर रिटर्न दायर करते हैं और इनमें से महज 7 लाख लोग ही आयकर का भुगतान करते हैं। (भाषा)