एक अप्रैल से होने जा रहे हैं ये बदलाव, आप भी प्रभावित होंगे...
नए वित्त वर्ष की शुरुआत एक अप्रैल से कई बड़े बदलाव होंगे जिनका असर हमारी जेब पर भी पड़ेगा। इन बदलावों के दायरे में गांव से लेकर शहर तक और नौकरीपेशा से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक आएंगे। आइए जानते हैं कुछ ऐसे बदलावों के बारे में जिनका सरोकार सीधे हमसे है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन : वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 14 साल के अंतराल के बाद शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपए से अधिक के कैपिटल गेन पर 10 प्रतिशत टैक्स (एलटीसीजी) लगाने का प्रस्ताव किया गया। फिलहाल एक साल के भीतर शेयर बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन पर 15 प्रतिशत टैक्स लगता है।
40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन : इनकम टैक्स और स्लैब को जस का तस रखते हुए बजट में वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों के लिए 40,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन की व्यवस्था की गई है। इसके बदले 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए तक के मेडिकल खर्च पर मिल रही छूट हटाई गई है। इससे टैक्स बचत कम होने का अनुमान है।
घटेगा कॉर्पोरेट टैक्स : कॉर्पोरेट टैक्स के संदर्भ में बजट में 250 करोड़ रुपए सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए टैक्स की दर कम कर 25 प्रतिशत की गई है। इस दायरे में 99 प्रतिशत कंपनियां आती हैं। वर्ष 2015 में वित्त मंत्री ने चार साल में कंपनी कर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया था।
सीनियर सिटीजन को राहत : वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स से मुक्त ब्याज इनकम की सीमा पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपए सालाना कर दी गई है। इसी तरह इनकम टैक्स कानून की धारा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर किए गए भुगतान और मेडिकल खर्च पर टैक्स कटौती की सीमा भी 30,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है।
आयकर :
-इनकम टैक्स पर 3% की जगह 4% हेल्थ और एजुकेशन सेस लगेगा। टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए है तो 125 रुपए और 15 लाख रुपए की टैक्सेबल इनकम पर 2,625 रुपए और देने होंगे।
-15,000 रुपए तक मेडिकल री-इम्बर्समेंट और 19,200 रुपए ट्रांसपोर्ट अलाउंस टैक्स फ्री नहीं रहेगा।
-इक्विटी म्युचुअल फंड कम्पनी निवेशक को डिविडेंड देते समय डिविडेंड पर 10% टैक्स काटेगी। टैक्स जमा करने की जिम्मेदारी निवेशक की नहीं होगी।
निवेश
-प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश सीमा 7.5 लाख से बढ़कर 15 लाख रुपए हो गई है। 31 मार्च 2020 तक इसमें जमा पर 8% का निश्चित ब्याज मिलेगा।
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी व आरसी का 50,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स-फ्री होगा।
-इलाज के लिए एक लाख रुपए तक के खर्च पर टैक्स छूट मिलेगी।