भारत पाकिस्तान संघर्ष की स्थिति में शशि थरूर को क्यों सताई चीन की चिंता?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 6 जून 2025 (10:45 IST)
Shashi Tharoor news in hindi : कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के परिदृश्य में चीन एक ऐसा कारक है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की कवायद इस संघर्ष से पहले, पिछले कुछ महीनों में अच्छी प्रगति करती प्रतीत हो रही थी। ALSO READ: अमेरिका में शशि थरूर ने बताया, सैन्य ऑपरेशन का नाम क्यों रखा सिंदूर?
 
अमेरिका में सर्वदलीय संसदीय दल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने भारतीय दूतावास में ‘थिंक टैंक’ के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि मैं स्पष्ट तरीके से अपनी बात कहूंगा। हम जानते हैं कि चीन का पाकिस्तान में बहुत बड़ा हित है। ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत सबसे बड़ी एकल परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा है और 81 प्रतिशत पाकिस्तानी रक्षा उपकरण चीन से आए हैं।
 
उन्होंने कहा कि यहां रक्षा शायद गलत शब्द है। कई मायनों में आक्रमण करने के उपकरण (सही शब्द है)। पाकिस्तान के साथ हमारे संघर्ष की स्थिति में चीन को नजरअंदाज करना बिल्कुल असंभव कारक है। ALSO READ: थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया ने वापस लिया बयान, भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक सफलता
 
उन्होंने कहा कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद से चीन और भारत के बीच तनाव के बावजूद चीन के साथ रिश्तों में जमी बर्फ पिछले साल सितंबर में वास्तव में पिघलने लगी थी और यह कवायद इस त्रासदी (भारत-पाकिस्तान संघर्ष) के होने से पहले अच्छी प्रगति कर रही थी।
 
थरूर ने कहा कि फिर पाकिस्तान के लिए व्यावहारिक समर्थन के मामले में, यहां तक ​​कि सुरक्षा परिषद में भी, हमने एक बहुत अलग चीन देखा। उन्होंने कहा कि पड़ोस के संदर्भ में हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं, इसे लेकर हमें कोई भ्रम नहीं है लेकिन मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूं कि भारत ने अपने विरोधियों के साथ भी संवाद के माध्यम खुले रखने का रास्ता हमेशा चुना है।
 
उन्होंने कहा कि हमने विकास, वृद्धि और व्यापार पर ध्यान केंद्रित करने की यथासंभव कोशिश की है। चीन के साथ हमारा व्यापार अब भी रिकॉर्ड स्तर पर है। ऐसा नहीं है कि हम शत्रुता का रुख अपना रहे हैं, लेकिन अन्य मौजूदा स्थितियों के बारे में जागरूक नहीं होना हमारी नासमझी होगी।
 
थरूर से ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में बातचीत के दौरान संघर्ष में भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी सैन्य उपकरणों के बारे में सवाल किया गया और यह पूछा गया कि क्या इसे लेकर कोई पुनः मूल्यांकन किया गया। इस पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि सच कहूं तो जब लड़ाई जारी थी, तब पुनर्मूल्यांकन किया गया था।
 
उन्होंने कहा कि जब भारत ने देखा कि पाकिस्तानी चीनी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके क्या करने की कोशिश कर रहे हैं, उदाहरण के लिए तुरंत प्रतिक्रिया देने वाले एवं चीनी विशेषज्ञता वाले 'किल चेन' का इस्तेमाल जिसमें रडार, जीपीएस, विमान और मिसाइल सभी एक साथ जुड़े हुए हैं, इसे देखकर ‘‘हमने चीजों को बस अलग तरीके से किया। अन्यथा, हम 11 पाकिस्तानी वायु सेना अड्डों को निशाना नहीं बना पाते और हम चीन द्वारा मुहैया कराई गई हवाई सुरक्षा को भेद नहीं पाते।’’
 
थरूर ने कहा कि इसलिए यह स्पष्ट है कि लड़ाई के दौरान आकलन किए जा रहे थे और हम अपनी रणनीतियों को फिर से तैयार कर रहे थे ताकि हम यथासंभव प्रभावी कदम उठा सकें। यह सच्चाई है कि चीन का पाकिस्तान में बहुत बड़ा हित है, ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ पर सबसे बड़ी एकल परियोजना पाकिस्तान में है- वह है ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा’, इसलिए हमें इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं है कि चीन पाकिस्तान के प्रति कितनी प्रतिबद्धता महसूस करता है।
edited by : Nrapendra Gupta 
 

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