15वीं सदी के समुद्र यात्री के शुरुआती जीवन के बारे में जानकारी बहुत कम है। एक व्यक्ति जिसकी 515 साल पहले मृत्यु हो चुकी है, उसका पूरा प्रोफाइल स्थापित करने में एक बड़ी सफलता उस वक्त मिली जब 2003 में हुई डीएनए जांच में सामने आया कि सेविले में गिरिजाघर में मकबरे में रखी हडि्डयां कोलंबस की हैं।
हाल के वर्षों में डीएनए जांच के परिष्करण में मिली सफलता के बाद अब यूरोपीय व्यक्ति की वंशावली के क्षेत्र को जानने में वंशाणु भूगोल मदद कर सकता है। कोलंबस, उनके बेटे हर्नांडो और उनके भाई डिएगो की हडि्डयों का ग्रेनाडा विश्वविद्यालय में आकलन किया जाएगा।(भाषा)