अंतरिक्षीय धूल कणों से प्राचीन पृथ्वी के वातावरण का पता चला

शनिवार, 14 मई 2016 (20:05 IST)
मेलबर्न। पुरातनकालीन पृथ्वी के ऊपरी वातावरण में लगभग उतनी ही मात्रा में ऑक्सीजन थी जितनी आज है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है, जो हमारी धरती के वातावरण को लेकर मान्य धारणा को चुनौती देती है।
अब तक मिले सबसे पुरानी जीवाश्म माइक्रोमीटियोराइट्स यानी अंतरिक्ष की धूल का इस्तेमाल करते हुए नए अध्ययन में 270 करोड़ साल पहले की पृथ्वी के वातावरण के रसायन के बारे में आश्चर्यजनक खोज की गई है।
 
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि प्राचीन पृथ्वी के ऊपरी वातावरण में उतनी ही ऑक्सीजन थी जितनी आज है। मीथेन की एक धुंधली परत ने ऑक्सीजन की ऊपरी परत को ऑक्सीजन रहित निचले वातावरण से अलग कर रखा था।
 
मोनाश यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलियन सिंक्रोट्रोन और इंपीरियल कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में एकत्रित प्राचीन चूना पत्थर के नमूनों से माइक्रोमीटियोराइट्स निकाले।
 
मोनाश यूनिवर्सिटी के एंड्रयू टोमकिन्स ने कहा कि आधुनिक दूरदर्शी का इस्तेमाल करते हुए हमने पाया कि अधिकतर माइक्रोमीटियोराइट्स एक समय धात्विक लौह के तत्व थे, जो ऊपरी वातावरण में आयरन ऑक्साइड खनिज में तब्दील हो गए जिससे अपेक्षा से अधिक ऑक्सीजन होने का संकेत मिला।
 
उन्होंने कहा कि यह परिणाम उत्साहजनक है, क्योंकि पहली बार किसी ने प्राचीन पृथ्वी के ऊपरी वातावरण के रसायन का नमूना लेने का तरीका प्राप्त किया। (भाषा)

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