गौरतलब है कि 1983 से 2009 के बीच श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान इस शहर पर लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) का कब्जा था। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि गृहयुद्ध के अंतिम कुछ माह के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के शासन में सरकारी बलों ने कम से कम 40,000 तमिल नागरिकों की हत्या कर दी थी। (भाषा)