स्विट्जरलैंड ने किया 2600 निष्क्रिय बैंक खातों का खुलासा

बुधवार, 16 दिसंबर 2015 (18:39 IST)
ज्यूरिख। स्विट्जरलैंड ने 1950 के दशक के मध्य से अपने यहां निष्क्रिय पड़े कई बैंक खातों को पहली बार सार्वजनिक किया है। इनमें 2,600 खातें तथा 80 लॉकर हैं और इस सूची में कम-से-कम चार भारतीयों के नाम जुड़े हैं।
 
इन खातों में कुल जमा करीब 4.4 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 300 करोड़ रुपए) हैं लेकिन भारतीयों के खातों की राशि के बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
 
चार भारतीयों में दो ने निवास स्थल भारत में बताए गए हैं जबकि एक को पेरिस (फ्रांस) का निवासी बताया गया है। चौथे व्यक्ति के निवास के बारे में खुलासा नहीं किया गया है।
 
इन भारतीयों के नाम पिएरे वाचेक, बहादुर चंद्र सिंह तथा, डॉ. मोहन लाल तथा किशोर लाल हैं। जहां वाचेक ने निवास स्थान ‘बंबई’ (अब मुंबई) बताया है वहीं सिंह ने देहरादून तथा मोहन लाल ने निवास में पेरिस का नाम दिया है। वाचेक की जन्म तिथि का भी खुलासा किया गया है।
 
इन खाताधारकों के रिश्तेदार और वंशजों को इन खातों के दावों के लिए 1 से 5 साल में अपना दावा स्विस बैंकिंग ओम्बुड्समैन तथा स्विस बैंकर्स एसोसिएशन को करना होगा।
 
यह पहला मौका है जब स्विट्जरलैंड ने ऐसी सूची जारी की है जिसका मकसद खाताधारकों के रिश्तेदारों और वंशजों को कोष का दावा करने का मौका देना है। सूची में केवल वही खातें शामिल हैं जिसमें कम-से-कम 500 स्विस फ्रैंक पड़े हैं और कम-से-कम 60 साल से इसका कोई दावेदार नहीं है।
 
सूची में सर्वाधिक लोग स्विट्जरलैंड के ही हैं। इसके अलावा इसमें जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका, तुर्की, आस्ट्रिया तथा विभिन्न अन्य देश शामिल हैं।
 
यह सूची स्विट्जरलैंड में एक नया कानून बनने के बाद आई है, जिसमें बहुत पुराने निष्क्रिय खातों के मालिकों के नाम सालाना आधार पर प्रकाशित करने को अनिवार्य किया गया है। यह व्यवस्था 2015 से ही शुरू की गई है। (भाषा)

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