पाकिस्तान के दो खुफिया अधिकारियों ने बताया कि सारेशा सुल्तान शाह नामक गांव में हुए इस हमले में आत्मघाती हमलों का प्रशिक्षण लेने वालों के अलावा कम से कम दो वरिष्ठ नेता मारे गए। पाकिस्तानी तालिबान जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के नाम से भी जाना जाता है, अफगान तालिबान से अलग है और यह पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे कई गुटों का मिश्रण है।
पाकिस्तानी तालिबान में सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस हमले में 12 से ज्यादा सदस्य मारे गए हैं, लेकिन खोरासानी इसमें बच गया है, जो उस समय वहां के दौरे पर था। काबुल में नाटो की अगुवाई वाले सहायता मिशन और अमेरिकी सुरक्षाबलों के मुख्यालय ने इस हमले की पुष्टि नहीं की है। (वार्ता)