शोपियां में मृतक संख्या 6 हुई, प्रदर्शन और बंद

श्रीनगर। शोपियां जिले में रविवार को हुई सेना की गोलीबारी के बाद सोमवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। शोपियां जिले में रविवार को हुई ‘मुठभेड़’ के बाद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक शव की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आशिक हुसैन भट्ट के रूप में हुई है और उसका शव सोमवार को सैदपोरा क्षेत्र से बरामद किया गया।
 
 
आशिक 13 नवंबर 2017 से लापता था। मुठभेड़ के बाद सोमवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। सेना मरने वालों को आतंकियों के साथी बताने की कोशिश कर रही है तो हुर्रियत नेताओं के साथ ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मरने वालों को आम नागरिक बताया है। हुर्रियत के आह्वान पर आज कश्मीर बंद भी रहा और कई स्थानों पर जम कर हिंसा भी हुई।
 
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि भट्ट की मौत रविवार को पुन्हू गांव में हुई मुठभेड़ के दौरान हुई। जांच जारी है। गौरतलब है कि रविवार को सेना के मोबाइल व्हिकल चेकपोस्ट (एमवीसीपी) पर गोलीबारी किए जाने के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकी और तीन नागरिकों की मौत हो गई थी। सेना ने कहा था कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों नागरिक आतंकवादियों के लिए काम करते थे। मुठभेड़ स्थल से लगभग 250 मीटर की दूरी पर सोमवार सुबह एक और शख्स का शव मिला, जिसकी पहचान गौहर अहमद लोन (24) के रूप में की गई है।
27 जनवरी को भी शोपियां में ही सेना की फायरिंग में तीन प्रदर्शनकारी मारे गए थे। सेना ने उस समय कहा था कि उनकी टुकड़ी पर भीड़ ने पथराव किया था। इसलिए सेना को आत्मसुरक्षा के लिए गोली चलानी पड़ी। पुलिस ने इस मामले में सेना के एक मेजर और उनके जवानों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया था। घटना के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
 
 
सेना की फायरिंग में रविवार को हुई 6 नागरिकों की मौतों के बाद शोपियां गोलीबारी की घटना के खिलाफ कई इलाकों में झड़पें हुई हैं। त्राल, अवंतिपोरा, पुलवामा, शोपियां और पास के कई इलाकों में महिलाओं सहित लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। पथराव कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। वहीं मध्य कश्मीर में बडगाम जिला के चाडूरा, क्रालपुरा और माछु सहित कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं।
 
 
उधर, दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिला के केपी रोड इलाके में सैकड़ों छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया। विभिन्न कोचिंग सेंटरों से कई छात्र केपी रोड़ पर इकट्ठे हुए और शोपियां घटना के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुरक्षाबलों ने उनको खदेड़ने के लिए बल का प्रयोग किया जिसके बाद छात्रों ने उन पर पथराव किया। दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं। वहीं, झड़पों के दौरान दर्जनों छात्रों को पुलिस ने हिरासत मे ले लिया।
 
 
प्रशासन ने अलगाववादियों द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सोमवार को श्रीनगर के कई हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया था। सईद अली गिलानी, मीरवायज उमर फारूख और मुहम्मद यासीन मलिक के नेतृत्व में ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जे.आर.एल.) ने रविवार को शोपियां जिले में मुठभेड़ के दौरान 5 नागरिकों और एक आतंकी की मौत के विरोध में घाटी में प्रदर्शनों का आह्वान किया था। पुलिस के मुताबिक कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर के मैसूमा और क्रालखड पुलिस थानों के तहत आने वाले कुछ क्षेत्रों में आंशिक प्रतिबंध लगाए गए थे।
 
 
श्रीनगर, बारामुला, सोपोर, हंदवाड़ा, कुपवाड़ा, मागाम, बडगाम, बीरवाह, पांपोर, त्राल, पुलवामा, अनंतनाग, बिजबिहाडा, कुलगाम व काजीगुंड समेत घाटी के सभी प्रमुख शहरों व कस्बों में दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सरकारी कार्यालय व सरकारी बैंक खुले थे लेकिन वहां कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही।
 
श्रीनगर-जम्मू हाईवे और श्रीनगर को वादी के प्रमुख कस्बों से जोड़ने वाली सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य से कहीं कम रही। सड़कों पर निजी वाहन ही ज्यादातर नजर आए। अलगाववादियों व समर्थकों को जमा होने से रोकने के लिए प्रशासन ने कई सड़कों को भी आम आवाजाही के लिए बंद रखा। संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिक बलों की गश्त भी बढ़ाई गई थी।
 
 
रेलवे के एक अधिकारी बताया कि हमने कश्मीर घाटी में सभी रेलों के परिचालन रोक दिया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर के श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड से जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच ट्रेनें नहीं चलीं। इसी तरह से मध्य कश्मीर के श्रीनगर-बडगाम से उत्तरी कश्मीर के बारामुला के बीच चलने वाले ट्रेनों को रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि रेल सेवाओं को पुलिस द्वारा देर रात मिले निर्देश के बाद स्थगित किया गया। उन्होंने कहा कि यह फैसला यात्रियों तथा रेलवे सम्पति के हित में लिया गया है।
 
 
अलगाववादियों का बंद : रविवार की शाम को शोपियां में हुई हत्याओं के विरोध में कश्मीर बंद के चलते सोमवार को अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया। यासीन मलिक को पुलिस ने उस समय हिरासत में लिया जब वे अपने समर्थकों सहित श्रीनगर के लाल चौक जाने का प्रयास कर रहे थे। जानकारी के अनुसार मलिक के मैसूमा निवास से एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया और लोग लाल चौक तरफ बढ़ने की कोशिश करने लगे। उन्हें पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स ने शहर के बडशाह पुल के पास रोक लिया।
 
 
शोपियां हत्याओं को लेकर सोमवार को पूरे कश्मीर में अलगाववादियों ने बंद का आहवान किया गया था। वहीं प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर शोपियां में प्रतिबंध लगाया था जब कि घाटी में स्कूल कालेज भी बंद गए हैं। इतना जरूर था कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां में कथित तौर पर आम नागरिकों की हत्या पर आखिरकार सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया है और कहा कि वे आम नागरिकों की हत्याओं से काफी दुखी हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति हमदर्दी भी जताई है।
 
 
महबूबा ने इस मामले में एक टवीट् कर अपना दुख जाहिर किया है। सीएम ने लिखा है कि शोपियां मुठभेड़ में क्रास फायरिंग में आम नागरिकों की हत्या से परेशान हूं। हांलाकि सेना दावा कर रही है कि शोपियां के पाहनू में जो लोग आतंकी के साथ मारे गए हैं वे आतंकियों के भूमिगत कार्यकर्ता हैं। स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों का यह दावा खारिज किया है। मुठभेड़ जो आतंकी मारा गया है वो लश्कर का है और उसका शव मुठभेड़ स्थल से करीब 12 किलोमीटर दूर सैदपोरा के जंगल में मिला है।

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