अक्षता कर विवाद में ऋषि सुनक का पलटवार, कहा- मेरी पत्नी को भारत से प्यार है

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022 (17:15 IST)
लंदन। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति की ‘गैर-स्थानीय कर स्थिति’ को लेकर विपक्ष के हमले के बीच पलटवार किया और कहा कि अक्षता को अपने देश से प्यार है और वे अपने माता-पिता की देखभाल के लिए वहां जाएंगी।
 
भारत में पैदा हुई अक्षता मूर्ति मशहूर कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी हैं। विपक्ष ने अक्षता को उनकी ‘गैर-स्थानीय कर स्थिति’ को लेकर निशाना बनाया है। ‘गैर-स्थानीय कर स्थिति’ का अर्थ है कि वह विदेशों में अर्जित आमदनी पर ब्रिटेन में कर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं।
 
भारत से संबंध तोड़ने के लिए नहीं कह सकता : सुनक ने ‘द सन’ अखबार से कहा कि हमारे मिलने से पहले, उनके इस देश में आने से पहले ही उनके (अक्षता) के पास यह (दर्जा) था। उन्होंने कहा कि अक्षता ने मुझसे शादी की है, इसलिए उन्हें अपने देश से संबंध तोड़ने के लिए कहना उचित नहीं होगा। वह अपने देश से प्यार करती हैं। जैसे मैं अपने देश से प्यार करता हूं, मैं कभी भी अपनी ब्रिटिश नागरिकता छोड़ने का सपना नहीं देखूंगा और मुझे लगता है कि ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करेंगे।
 
अक्षता पर अपने ‘गैर-स्थानीय कर दर्जा’ का उपयोग कर भारी कर बचत करने का आरोप है। लेकिन 42 वर्षीया उद्यमी के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह एक निवासी के रूप में ब्रिटेन के कर कानूनों का अनुपालन करती हैं और यह कर वर्गीकरण इसलिए है क्योंकि भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है।
 
सुनक ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लोगों को इस तथ्य से कोई समस्या होगी कि एक भारतीय महिला डाउनिंग स्ट्रीट में रहती हैं। मुझे उम्मीद है कि ज्यादातर निष्पक्ष सोच वाले लोग इसे समझेंगे। ब्रिटिश भारतीय कैबिनेट मंत्री ने अपनी पत्नी के साथ ही अपने ससुर का भी बचाव किया। अक्षता की इंफोसिस में लगभग 0.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
 
नारायणमूर्ति को बदनाम करने की कोशिश : सुनक ने दावा किया कि उनके ससुर को बदनाम करने की कोशिश की गई है और उन्हें अपने ससुर पर बहुत गर्व है। सुनक ने कहा कि उन्होंने (नारायण मूर्ति ने) मामूली शुरुआत कर विश्वस्तरीय कंपनी बनाई जो दुनिया भर में करीब 2.5 लाख लोगों को रोजगार देती है और जिसने भारत की छवि बदल दी है।
 
सुनक ने कहा कि मेरे ससुर ने जो हासिल किया, अगर मैंने उसका दसवां हिस्सा भी हासिल किया, तो मैं एक खुश इंसान बनूंगा। उन्होंने जो हासिल किया है, उस पर मुझे वास्तव में गर्व है।

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