खुफिया विभाग के निदेशक डैन कोट्स ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का, कुछ समूहों का नीतिगत तौर पर इस्तेमाल कर आतंकवाद निरोधक सहयोग के प्रति संकीर्ण रवैया दिखाना और केवल उन आतंकवादी समूहों से निपटना जिससे पाकिस्तान को सीधे तौर पर खतरा हो, निश्चित तौर पर तालिबान के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अमेरिकी प्रयासों को भी चौपट कर देगा।
कोट्स ने खुफिया मुद्दों पर संसद (सीनेट) की प्रवर समिति के सदस्यों को बताया, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह भारत एवं अफगानिस्तान तथा अमेरिकी हितों के खिलाफ हमलों की योजना बनाने एवं अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में अपने पनाहगाहों का फायदा उठाना जारी रखेंगे।
कोट्स और अन्य अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के प्रमुख विश्वव्यापी खतरे पर आकलन को लेकर खुफिया पर सीनेट की प्रवर समिति के समक्ष पेश हुए, जिस दौरान उन्होंने यह रिपोर्ट पेश की। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि भारत एवं पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रमों के निरंतर विकास एवं वृद्धि के चलते दक्षिण एशिया में परमाणु सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं की आशंका बढ़ गई है।