थाईलैंड की गुफा में चार नन्हे फुटबॉलरों को बचाया गया
रविवार, 8 जुलाई 2018 (21:21 IST)
मे साई (थाईलैंड)। बैंकॉक। थाइलैंड की गुफा में दो सप्ताह से फंसे स्कूल फुटबॉल टीम के 13 सदस्यों में से 4 बच्चों को रविवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। स्थानीय राहत एवं बचाव अधिकारी ने बताया कि उत्तरी चियांग राई प्रांत के अधिकारियों ने फुटबॉल टीम के 12 बच्चों और उनके कोच को बाहर निकालने के साहसिक एवं खतरनाक अभियान की रविवार सुबह शुरुआत की। इस अभियान में 13 विदेशी गोताखोर और थाइलैंड नेवी सील के पांच सदस्य शामिल थे। गत शुक्रवार को इन बच्चों को निकालने के प्रयास में एक पूर्व थाई नेवी सील कमांडर की मौत हो गई थी।
रात होने के कारण शेष बचे 7 बच्चों और उनके कोच को संकीर्ण और डूबे हुए जलजमाव वाले इलाके से निकालने का अभियान अब सोमवार की सुबह शुरू किया जाएगा। इनमें से अधिकांश बच्चों की उम्र 11 वर्ष से कम है और उन्हें तैराकी भी नहीं आती जबकि उनके सहायक कोच की उम्र 25 वर्ष है।
बचाव अभियान के प्रमुख नारोनगसाक ओसोतानकोन ने कहा कि आज हम चार बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने और उन्हें चियांग राई प्रचनुक्रुआ अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि बचाव दल को अगले अभियान की तैयारी करने के लिए 10 घंटे के समय की जरूरत है। इसमें 50 विदेशी समेत करीब 90 गोताखोर शामिल रहेंगे। गुफा से निकाले गए बच्चों को हेलीकॉप्टर की मदद से पास के चियांग राई शहर पहुंचाया गया, जहां पहले से मौजूद एम्बुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस घटना ने न केवल थाइलैंड बल्कि विदेशी मीडिया का बड़े पैमाने पर ध्यान खींचा है। यदि सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया जाता है तो यह थाइलैंड में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले थाई जुन्टा के लिए बल प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।
ओसोतानकोन ने इससे पूर्व रायटर से कहा कि आज निर्णायक दिन है। उत्तरी चियांग राई प्रांत में थैम लुआंग गुफा इलाके में रविवार को भी भारी बारिश हुई तथा आने वाले सप्ताह में तूफान आने की भी आशंका बनी हुई है। यानी आने वाले समय में भी बचाव अभियान में जुटे बचावकर्मियों की 'पानी और समय' के साथ जंग जारी रहने की संभावना भी बनी हुई है।
म्यांमार की सीमा के निकट स्थित इस गुफा में गत 23 जून से फंसे फुटबॉल टीम के सदस्य बच्चों की आयु 11 से 16 बीच है। ये सभी तैरना नहीं जानते। इनमें से एक बच्चे का जन्मदिन मनाने के इरादे से घूमते हुए सभी बच्चे इस गुफा में फंस गए। गुफा के तंग, गहरे और कीचड़ भरे रास्ते अनुभवी गुफा विशेषज्ञों के लिए भी चुनौती हैं।
मिशन के चीफ ने बताया कि बचाव दल ने अपनी योजना का कई बार अभ्यास किया था। उन्होंने कहा कि अगर हम इंतजार करेंगे और आने वाले दिनों में फिर से बारिश होने लगी तो इतने दिनों से पानी निकालने में लगी हमारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो हमें फिर से स्थिति पर सोचना पड़ेगा।
बचाव मिशन के सदस्य एक ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर ने शनिवार की रात को लड़कों के स्वास्थ्य की जांच की और अभियान को आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी दिखाई। इससे पूर्व गत सोमवार को ब्रिटिश गोताखोर रिचर्ड स्टैंटन और जॉन वोलंथेन ने इन बच्चों का गुफा में होने का पता लगाया था। (वार्ता)