व्लादिमीर पुतिन के इस कदम से तेल और गैस बाजार में आ सकती है तेजी
रविवार, 2 अक्टूबर 2022 (18:51 IST)
सोमरविले। यूक्रेन की सेना का खारकीव में मुकाबला करने के लिए 3 लाख आरक्षित बलों को तैनात करने के रूस के प्रयास ने सैन्य एवं राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि इसमें एक संभावित ऊर्जा कोण भी है। रूस और यूरोप के बीच ऊर्जा संघर्ष बढ़ रहा है और सर्दियों के करीब आने के साथ ही इसके और बढ़ने की आशंका है।
कोई यह मान सकता है कि ऊर्जा कार्यकर्ता, जो ईंधन और निर्यात राजस्व प्रदान करते हैं, जिसकी रूस को सख्त जरूरत है, युद्ध के प्रयास के लिए बहुत मूल्यवान हैं। अब तक बैंकिंग और सूचना प्रौद्योगिकी कर्मचारियों को अपनी नौकरी में बने रहने के लिए आधिकारिक अनुमति मिली है।
तेल और गैस श्रमिकों के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं है। रूसी मीडिया में इसको लेकर अटकलें चल रही हैं कि क्या इस क्षेत्र के लोगों को युद्ध के वास्ते तैनाती के लिए लक्षित किया जाएगा या नहीं। किसी भी तरह से मुझे आशंका है कि युद्ध के अगले चरण तक रूस का तेल और गैस संचालन क्षेत्र अस्थिर होगा।
सितंबर 2022 में हुए विस्फोटों से रूस से यूरोप तक नॉर्ड स्ट्रीम एक और दो गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई थीं और इसमें तोड़फोड़ की आशंका है। यह घटना इस जटिल और अस्थिर क्षेत्र में नवीनतम घटना है। वैश्विक ऊर्जा नीति के एक विश्लेषक के रूप में मुझे उम्मीद है कि ऊर्जा आपूर्ति में और व्यवधान हो सकते हैं।
इसमें क्रेमलिन द्वारा यूरोपीय सरकारों पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए सीधे आदेश के जरिए या नए तोड़फोड़ के परिणामस्वरूप या विशेष उपकरणों और प्रशिक्षित रूसी जनशक्ति की कमी की वजह से दुर्घटनाएं या व्यवधान हो सकता है।
रूस ने उन यूरोपीय देशों पर दबाव बनाने के प्रयास में यूरोप में प्राकृतिक गैस की खेप को काफी कम कर दिया है, जो यूक्रेन का पक्ष ले रहे हैं। मई 2022 में सरकार के स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम ने एक प्रमुख पाइपलाइन को बंद कर दिया, जो बेलारूस और पोलैंड से होकर गुजरती है।
जून में कंपनी ने नॉर्ड स्ट्रीम एक पाइपलाइन के माध्यम से जर्मनी को आपूर्ति कम कर दी। इसकी क्षमता 17 करोड़ घनमीटर प्रति दिन थी, जिसे घटाकर मात्र चार करोड़ घनमीटर प्रति दिन कर दिया गया। कुछ महीने बाद गैजप्रोम ने घोषणा की कि नॉर्ड स्ट्रीम एक को मरम्मत की आवश्यकता है और इसे पूरी तरह से बंद कर दिया।
अब अमेरिका और यूरोपीय नेताओं का आरोप है कि रूस ने यूरोपीय ऊर्जा आपूर्ति को और बाधित करने के लिए जानबूझकर पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाया है। पाइपलाइन विस्फोट ऐसे समय हुआ, जब नॉर्वे से पोलैंड तक एक प्रमुख नई प्राकृतिक गैस पाइपलाइन की शुरुआत की गई।
रूस के पास बहुत सीमित वैकल्पिक निर्यात अवसंरचना है, जो साइबेरियाई प्राकृतिक गैस को चीन जैसे अन्य ग्राहकों को स्थानांतरित कर सकती है, इसलिए अधिकांश गैस जो आमतौर पर यूरोप को बेची जाती है, उसे अन्य बाजारों में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
रूस के आरक्षित बलों की तैनाती के आदेश में तेल कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। इससे कुछ अनुभवी विश्लेषकों ने यह सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या आपूर्ति में व्यवधान तेल में फैल सकता है, दुर्घटनावश या किसी उद्देश्य से।