यह मिशन ऐसे समय में चलाया गया जब क्रेमलिन ने साइबेरिया तथा सुदूर पूर्वी क्षेत्र से अपने सैनिकों को बेलारूस भेज दिया है। इस तैनाती के साथ यूक्रेन के समीप रूस का सैन्य जमावड़ा बढ़ गया है जिससे पश्चिम देशों की रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है।