नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित करीब 60 अरब डॉलर के उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने के ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के साथ वैश्विक व्यापार युद्ध का बिगुल फूंक दिया है। चीन ने भी इसके विरोध में अमेरिका के 128 उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने की बात की है। लेकिन विश्लेषकों की राय में उसके रुख में अपेक्षाकृत नरमी संभावित युद्ध के इस खतरे के टल जाने का संकेत दे रही है।
ट्रंप का कहना है कि व्यापार सुधार की दिशा में यह पहला कदम है। आगे जो कदम उठाए जाएंगे, वे टेक्नोलॉजी क्षेत्र के कुछ खास उत्पादों पर केंद्रित होंगे, जहां चीन का वर्चस्व है। ट्रंप की संरक्षणवादी व्यापार नीति पर पलटवार करते हुए चीन ने भी स्टील, सूखे मेवे, ताजा फल, शराब और सूअर के मांस सहित 128 अमेरिकी उत्पादों की एक सूची तैयार की है जिस पर आयात शुल्क लगाने पर विचार किया जा रहा है।
चीन का कहना है कि अगर अमेरिका और उसके बीच बातचीत बेनतीजा रही तो इन 128 आयातित वस्तुओं पर 2 चरणों में आयात शुल्क लगाया जाएगा और विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। अमेरिका से चीन का आयात इस साल 172 अरब डॉलर हो सकता है और ऐसे में मात्र 3 अरब डॉलर को आयात शुल्क के दायरे में रखना चीन की नरमी को दिखाता है जबकि अमेरिका ने चीन ने आयातित करीब 60 अरब डॉलर के उत्पादों को अपना निशाना बनाया है।