वॉशिंगटन। अमेरिकी प्राधिकारियों ने भारत सरकार (Indian government) के एक पूर्व अधिकारी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की राजकीय यात्रा के आस-पास देश में सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क स्थित एक अमेरिकी अदालत में दायर एक अभियोग में गुरुवार को दावा किया कि विकास यादव (39) कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था, जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा 'रिसर्च एंड एनालिसिस विंग' (RAW) का मुख्यालय है।
यादव पर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भूमिका के संबंध में भाड़े के हत्यारों की मदद से हत्या को अंजाम देने का प्रयास करने और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं। न्याय मंत्रालय ने कहा कि यादव 'अब भी फरार है'। पहले अभियोग पत्र में यादव को 'सीसी 1' (सह-साजिशकर्ता) के रूप में चिह्नित किया गया है।ALSO READ: आतंकी पन्नू का बड़ा कुबूलनामा, कनाडाई PM टूड्रो से मेरे सीधे रिश्ते
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अभियोग में शामिल व्यक्ति की पहचान को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में गुरुवार को पुष्टि की कि 'आरोपी अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। उसके साथ इस कथित साजिश में शामिल सह-आरोपी निखिल गुप्ता को पिछले वर्ष चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था तथा प्रत्यर्पण के बाद वह अमेरिकी जेल में बंद है।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा कि आज के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने, उन्हें खतरे में डालने तथा किसी अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा।ALSO READ: भारत ने बताया, क्यों बढ़ा भारत और कनाडा के बीच तनाव?
एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि आरोपी एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है। उसने एक आपराधिक सहयोगी के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची और अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या का प्रयास किया। भारत सरकार ने अमेरिकी धरती पर किसी अमेरिकी नागरिक की हत्या की ऐसी किसी भी साजिश में अपनी संलिप्तता से इंकार किया है।
अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने मामले की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की थी। अमेरिका ने इस मामले में भारत के सहयोग पर संतोष जताया है। अदालत में दूसरा अभियोग पत्र इस मुद्दे पर संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), न्याय मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक अंतर-एजेंसी टीम के साथ बैठक के लिए यहां भारतीय जांच समिति के आने के 48 घंटे के भीतर दायर किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि हम सहयोग से संतुष्ट हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है। हम उनके साथ इस पर काम करना जारी रखेंगे। हम सहयोग की सराहना करते हैं और अपनी जांच के बारे में हमें जानकारी देते रहने की सराहना करते हैं, हम उन्हें अपनी जांच से अवगत कराते रहते हैं।ALSO READ: भारत कनाडा विवाद में अमेरिका की एंट्री, क्या बोले कनाडाई PM ट्रूडो
मिलर ने कहा कि गुरुवार को हुई बैठक में हमने जांच समिति के सदस्यों को अमेरिका द्वारा की जा रही जांच के बारे में बताया। हमें उनसे उनके द्वारा की जा रही जांच के बारे में जानकारी मिली है। यह एक सार्थक बैठक थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें बताया कि जिस व्यक्ति का नाम न्याय विभाग के अभियोग पत्र में है, अब वह भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।
गुरुवार को जारी 18 पन्नों के अभियोग पत्र में यादव की सैन्य वर्दी में एक तस्वीर है। न्यूयॉर्क में एक कार में 2व्यक्तियों द्वारा डॉलर का आदान-प्रदान करने की तस्वीर भी है जिसके बारे में संघीय अभियोजकों कहना है कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति गुप्ता और यादव की ओर से न्यूयॉर्क में सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए कथित हत्यारे को धनराशि दे रहा था। तस्वीर 9 जून 2023 की है। अभियोग पत्र में अमेरिकी नागरिक एवं सिख अलगाववादी का नाम नहीं लिखा गया है।
न्याय मंत्रालय द्वारा अभियोग जारी किए जाने के बाद अलगाववादी गुट 'सिख फॉर जस्टिस' के 'जनरल काउंसल' पन्नू ने एक बयान में कहा कि रॉ अधिकारी विकास यादव पर अमेरिकी सरकार ने 'भाड़े पर हत्या' की साजिश का आरोप लगाकर देश और विदेश में अमेरिकी नागरिकों के जीवन, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के मौलिक संवैधानिक कर्तव्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है।
अभियोग में आरोप लगाया गया है कि यादव ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची थी। गुप्ता ने भाड़े पर एक व्यक्ति को इस हत्या को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा था। यह अज्ञात व्यक्ति एफबीआई का मुखबिर था जिसने इस काम के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर मांगे थे और 9 जून, 2023 को अग्रिम भुगतान के रूप में उसे 15,000 अमेरिकी डॉलर मिले थे।
यह कथित घटनाक्रम तब का है, जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को 22 जून को ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया था। अभियोग के अनुसार यादव ने गुप्ता और भाड़े पर लिए गए हत्यारे को राजकीय यात्रा से ठीक पहले या उस दौरान काम नहीं करने के लिए कहा था।
अभियोग के अनुसार अमेरिकी सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश और उसी अवधि के दौरान कनाडा में एक अन्य सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की घटना के बीच संबंध है। संघीय अभियोजकों ने दोनों घटनाओं पर यादव, गुप्ता और कथित हत्यारे के बीच हुए संचार को साझा किया है।
संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि इसके कुछ मिनट बाद यादव ने गुप्ता को संदेश भेजा जिसमें निर्देश दिया गया 'उन्हें भी अपने स्तर पर इसका सत्यापन करने दीजिए। अगर वे इस बात का कोई सबूत जुटा पाते हैं कि वह अंदर है तो हमारी ओर से इसके लिए मंजूरी होगी। बातचीत के इस संदर्भ का आशय पीड़ित की हत्या के लिए हरी झंडी देने के संकेत से जुड़ा था जिसका मतलब था कि पीड़ित के घर में होने की पुष्टि होने पर उसकी हत्या कर दी जाए।
अभियोजकों ने आरोप लगाया कि पीड़ित ने सार्वजनिक रूप से पंजाब के कुछ या पूरे हिस्से को भारत से अलग करने और खालिस्तान नामक एक सिख संप्रभु देश की स्थापना करने का आह्वान किया है और भारत सरकार ने पीड़ित तथा उसके अलगाववादी संगठन को भारत से प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिकी कानून प्रवर्तन ने पीड़ित की हत्या की साजिश का पता लगाया और उसे विफल कर दिया।(भाषा)