कुछ दुर्लभ परिस्थितियों में राष्ट्रपति विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं या उसे वीटो कर देते हैं। ऐसा नीतिगत मामलों में मतभेद के कारण होता है, लेकिन सदन के सदस्य दोनों सदनों में 2 तिहाई से अधिक बहुमत से विधेयक पारित कराकर राष्ट्रपति के वीटो को खारिज करा सकते हैं और विधेयक को कानून बना सकते हैं।(वार्ता)