मैसाचुसेट्स से जूनियर डेमोक्रेटिक सीनेटर एड्वर्ड मार्के ने एक बयान में कहा कि एनएसजी ने भारत को प्रवेश देने से रोककर एनपीटी के प्रति अपने दृढ़ समर्थन को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा कि एनएसजी की स्थापना भारत के 1974 के परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया के तौर पर की गई थी और इसने परमाणु हथियारों के और विस्तार में योगदान कर सकने वाली उस तकनीक को साझा करने से रोकने के लिए दशकों काम किया है।
भारत विरोधी के तौर पर चर्चित मार्के ने कहा, 'यदि भारत को एनएसजी में शामिल कर लिया जाता तो यह संगठन में भागीदार एकमात्र ऐसी सरकार होती जो एनटीपी का कोई पक्ष नहीं होती, जिससे संधि के प्रति एनएसजी की प्रतिबद्धता कमजोर होती। भारत को प्रवेश देने से रोककर एनएसजी ने संधि और व्यापक वैश्विक अप्रसार व्यवस्था दोनों को मजबूत किया है।'