शारीरिक अक्षमता से लड़ रहा ये बच्चा आजकल मुंह की मदद से लिखना सीख रहा है। उसकी प्रिंसिपल बताती हैं कि दूसरी कक्षा में होते हुए भी वह चौथी कक्षा के मैथ्स के प्रश्न हल कर लेता है, लेकिन वह ऐसा हमेशा से नहीं था। पहले वह अपनी शारीरिक कमजोरियों की वजह से असुरक्षा की भावना से जूझता था। अपने साथियों के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करता था।
लेकिन, अब वह स्कूल का नियमित छात्र है। फिर भी वो स्कूल लाने ले जाने के लिए दूसरों पर निर्भर है। लेकिन उसके मिलनसार स्वभाव और उसकी मुस्कुराहट ने उसे स्कूल में सबका प्यारा बना दिया है। उसकी मां बताती हैं कि उन्हें प्रगनेंसी के दौरान ही अपने बेटे की इस स्थिति के बारे में पता नहीं था और बेटे के जन्म के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया कि उनके बच्चे के दोनों हाथ और पैर नहीं हैं।
वह बताती हैं कि उनको बताया गया था कि सब कुछ नॉर्मल है। बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है, लेकिन जब उन्हें पता चला तो उनके लिए अपने बच्चे की यह स्थिति स्वीकार करना मुश्किल हो गया। लेकिन बाद में मैंने किसी तरह ये स्थिति स्वीकार की। टियो की देखभाल करना मेरे लिए फुलटाइम जॉब बन गया है।'