राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने एक बयान में बताया कि जावा के घनी आबादी वाले द्वीप में मध्यरात्रि से ठीक पहले और बाद में कम से कम 7 बार गर्म राख के गोले निकले और 'पाइरोक्लास्टिक' प्रवाह (चट्टान, लावा और गैस का मिश्रण) निकला, जो करीब 5 किलोमीटर तक फैल गया। गड़गड़ाहट की आवाजें कई किलोमीटर तक सुनाई दीं।
उन्होंने बताया कि मेरापी पर्वत पर ज्वालामुखी के खतरे को देखते हुए योग्याकार्ता प्रांत के ग्लागहारजो और उम्बुलहारजो गांवों और मध्य जावा के क्लेटेन जिले में 253 लोगों को आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया। मुहारी ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने से उससे निकली राख आसपास के कई गांवों और कस्बों में फैल गई। हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की अभी तक कोई खबर नहीं है।(फ़ाइल चित्र)