पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी संघर्ष अब भयानक स्थिति में पहुंच चुका है। मीडिया खबरों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमलों के जवाब में अब तालिबान ने भी तांडव मचा दिया है। तालिबान का दावा है कि इस संघर्ष में उसने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना ने भी 200 से अधिक तालिबानी लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया है।
पाकिस्तान के इस दावे पर तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस संघर्ष में 9 तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं, इसमें 16 अन्य घायल हुए हैं। तालिबान ने 25 पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर भी कब्जा करने की भी बात कही है। अफगानिस्तान के रक्षामंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि हम किसी भी हमले का जवाब देंगे।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारी सेना ने अफगानिस्तान की उकसावे का मुंहतोड़ जवाब दिया। उल्लेखनीय है कि यह संघर्ष 2024 से चला आ रहा अफगान-पाकिस्तान तनाव का हिस्सा है, जहां पाकिस्तान अफगान तालिबान पर टीटीपी (पाकिस्तानी तालिबान) को समर्थन देने का आरोप लगाता है।
क्या कहा पाकिस्तानी सेना ने
पाकिस्तानी सेना ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर रात भर हुई भीषण झड़पों में कम से कम 23 पाकिस्तानी सैनिक और तालिबान तथा उससे संबद्ध 200 से अधिक आतंकवादी मारे गए। सीमा पार से आक्रमण के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ गया है।
क्या है तहरीके तालिबान यानी TTP
TTP यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है, एक खूंखार आतंकी संगठन है जो अफगान-पाक बॉर्डर के इलाकों में सक्रिय है। यह आतंकी संगठन पाकिस्तान की सरकार और सेना के खिलाफ लड़ता है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी संगठन घोषित किया गया है। हाल की झड़पों में TTP ही वह मुख्य वजह है, क्योंकि पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान TTP के सदस्यों को शरण दे रहा है, जो वहां से पाकिस्तानी जमीन पर हमले करते हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने बीते 6 महीने में पाकिस्तान में हजार से ज्यादा हमले किए हैं। इनमें 300 से ज्यादा हमले जुलाई में हुए थे। 2024 में TTP ने 856 हमले किए, जो 2023 के 645 हमलों से कहीं ज्यादा हैं।
आखिर क्या है चाहती है TTP
TTP पाकिस्तान की सरकार को हटाकर वहां एक इस्लामी शासन (इस्लामिक अमीरात) बनाना चाहता है, जो कड़े शरिया कानून पर आधारित हो। इसकी सोच अफगान तालिबान जैसी ही है, लेकिन दोनों संगठन अलग हैं और उनकी लीडरशिप भी अलग-अलग है। TTP का कहना है कि पाकिस्तान सरकार सच्चा इस्लाम नहीं मानती। TTP फिलहाल पाकिस्तान के किसी हिस्से पर पूरी तरह कब्जा नहीं किए हुए है, लेकिन खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाकों में इसका असर बढ़ा है। Edited by : Sudhir Sharma