टैरिफ के बाद ट्रंप का भारत को एक और झटका, 8 भारतीय नागरिक और कई कंपनियों पर लगाया बैन, ईरान के Energy Trade पर बड़ी कार्रवाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 (20:42 IST)
भारी-भरकम टैरिफ के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने फिर भारत को बड़ा झटका दिया है। भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों पर भी बड़ा एक्शन लिया है। अमेरिका ने ईरानी व्यापार में मदद करने के आरोप में 50 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें 8 भारतीय नागरिक और कई कंपनियां शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के हवाले से कहा गया कि ट्रेजरी विभाग ईरान की ऊर्जा निर्यात प्रणाली के प्रमुख तत्वों को नष्ट करके ईरान के नकदी प्रवाह को कम कर रहा है।
 
पीएम मोदी ने किया था फोन
रूस से कच्चा तेल खरीदने का बहाना बनाकर अमेरिका ने पहले भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया। इसके कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसके बाद भारत के साथ अमेरिका ने व्यापार समझौते को लेकर बातचीत शुरू की। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर फोन कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बधाई दी और अपनी दोस्ती का बखान किया। इससे लगने लगा कि ट्रंप ने भारत को लेकर अपना रुख नरम किया है। 
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क्या कहा अमेरिकी विदेश विभाग ने 
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक ईरानी ऊर्जा व्यापार में कथित रूप से मदद करने के आरोप में अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित 50 से अधिक संस्थाओं और व्यक्तियों में आठ भारतीय नागरिक और कई भारत-स्थित कंपनियां शामिल हैं। विदेश विभाग ने 9 अक्टूबर, 2025 को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने लगभग 40 संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं ताकि 'ईरानी शासन को उसके दुर्भावनापूर्ण कार्यों के लिए इस्तेमाल होने वाले धन से वंचित किया जा सके।'
 
वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने वैश्विक बाजारों में ईरानी पेट्रोलियम और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) के निर्यात में शामिल 50 से अधिक संस्थाओं, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
 
8 भारतीय नागरिकों पर प्रतिबंध
दोनों विभागों द्वारा जारी की गई सूचियों में 8 भारतीय नागरिक शामिल हैं, जिन्हें वाशिंगटन की "विशेष रूप से नामित नागरिकों (SDN) और प्रतिबंधित व्यक्तियों" की सूची में जोड़ा गया है। सूची में शामिल लोगों को अमेरिकियों के साथ व्यापार करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन्हें अमेरिका में प्रवेश पर भी प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिबंधित लोगों में नीति उन्मेष भट्ट भी शामिल हैं, जिनकी भारत स्थित इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
 
इस पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी ने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच एक अमेरिकी-नामित फर्म से लगभग 74 मिलियन डॉलर मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया। प्रतिबंधित किए गए एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा थे, जो मार्शल द्वीप स्थित एवी लाइन्स इंक के मालिक हैं। यह कंपनी पनामा ध्वज वाले सैफायर गैस पोत का स्वामित्व और संचालन करती है। इसने अप्रैल 2025 से चीन को 10 लाख बैरल से ज्यादा ईरानी एलपीजी पहुंचाई है। एवी लाइन्स इंक भी प्रतिबंधित संस्थाओं की सूची में थी।
 
वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। यह कंपनी कोमोरोस ध्वज वाले पोत, नेप्टा का स्वामित्व और संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी एलपीजी पहुँचाई है। ओएफएसी की एसडीएन सूची में शामिल अन्य भारत-आधारित संस्थाओं में बी. के. सेल्स कॉर्पोरेशन, सी.जे. शाह एंड कंपनी, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड शामिल हैं।
 
ट्रेजरी विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "इन लोगों ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात को संभव बनाया है, जिससे ईरानी शासन को महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हुआ है और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी समूहों को समर्थन मिला है।"
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अमेरिका के लिए गंभीर खतरा
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में मदद की है, जिससे ईरानी शासन को आतंकवादी समूहों का समर्थन करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। यह अमेरिका के लिए गंभीर खतरा है। इनपुट एजेंसियां  Edited by : Sudhir Sharma

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