अमेरिका ने ईरान पर हमले की मंशा रखने वाले इसराइल को परोक्ष रूप से आगाह करते हुए कहा है कि उस पर हमले से अस्थिरता और बढ़ जाएगी जिससे अफगानिस्तान एवं इराक में तैनात अमेरिकियों पर खतरा बढ़ जाएगा और फिर अमेरिका के पास इस बात के ठोस प्रमाण भी नहीं हैं कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है।
WD
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति बराक ओबामा की इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से पांच मार्च को मिलने वाले हैं।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा कि पश्चिम एशिया क्षेत्र मे किसी तरह की सैन्य कार्रवाई से क्षेत्र में वृहत्तर अस्थिरता का खतरा पैदा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि ईरान की सीमा इराक और अफगानिस्तान दोनों से ही लगती है और इराक में हमारे नागरिक कर्मी तथा अफगानिस्तान में सैन्य कर्मी तैनात हैं।
इसराइल ने हाल ही में इस बात के संकेत दिए हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकने के लिए वह उस पर हमला कर सकता है।
कार्ने ने कहा कि हम ईरान पर दबाव बनाना जारी रखेंगे। यह अहम है कि ईरान अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है लेकिन उसके परमाणु हथियारों को लेकर कोई सबूत न होने के कारण राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पद ग्रहण करने के बाद से ही ईरान के साथ नरम नीति अपनाई है।
इस नीति के तहत ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध आदि लगाकर उसे अलग-थलग किया जा रहा है। यह नीति तब तक जारी रहेगी जब तक वह अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ नहीं देता।
ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद हमेशा से यह कहते आए हैं कि उनका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यों के लिए उर्जा जरूरतों को पूरा करने के मकसद है। उन्होंने इस मुद्दे पर पश्चिमी देशों के नेताओं से बातचीत करने के लिए अपने वार्ताकार को भेजा है। (भाषा)