ओबामा ने फिर किया ऑउटसोर्सिंग का विरोध

शनिवार, 23 जून 2012 (09:50 IST)
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राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान शनिवार को ओबामा ने अपने प्रतिद्वंदी मिट रोमनी को उनकी कंपनियों द्वारा अमेरिकी नौकरियां ऑउटसोर्स करने के मुद्दे पर जमकर आड़े हाथों लिया। ओबामा ने कहा कि अमेरिकी नौकरियों को दूसरे देशों में भेजने वालों की ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का मुख्य दफ्तर) में कोई जरूरत नहीं है।

इस बात को मुद्दा बनाते हुए ओबामा ने ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में छपी एक रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, रोमनी की कंपनियां अमेरिकी नौकरियों को चीन और भारत जैसे देशों में भेजने में सबसे आगे हैं।

फ्लोरिडा के टंपा में चुनावी अभियान में बोलते हुए ओबामा ने कहा कि मैं आपको बता दूं कि ओवल ऑफिस में हमें नौकरियों के अवसर दूसरे देशों में भेज देने वाला व्यक्ति नहीं चाहिए। हमें एक ऐसा राष्ट्रपति चाहिए जो अमेरिकी नौकरियों और अमेरिकी उत्पादन के लिए लड़े। मैं ऐसा ही करना चाहता हूं तभी मैं दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहा हूं।

‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में छपा लेख ओबामा के चुनावी अभियान का ही एक हिस्सा था। इस लेख में स्टीफेनी कटर ने लिखा था कि मिट रोमनी की वित्तीय कंपनी बेन कैपिटल ने ऐसी कई कंपनियों में निवेश किया है जो अमेरिकी कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे कामों को कम कीमत पर भारत और चीन में करवाने की सुविधा देती हैं।

रिपोर्ट की लेखक कटर ने ओबामा के समर्थकों के लिए एक वीडियो संदेश में कहा कि यह (रोमनी) वही आदमी है, जिसने अमेरिकी नौकरियों को बचाने और चीन के सामने डटकर खड़े रहने के बड़े-बड़े वायदे किए थे। लेकिन असल में रोमनी और उनके साथियों ने अमेरिकी नौकरियों को विदेशों में भेजकर बहुत पैसा बनाया है।

उन्होंने कहा कि रोमनी निजी क्षेत्र के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र का काम भी ऑउटसोर्स करवाने के पक्ष में हैं। जब वे मेसाचुसेट्स के गर्वनर थे तब उन्होंने उस विधेयक को नकार दिया था जिसके अनुसार, सरकारी कामों को बाहरी देशों से करवाने वाली कंपनियों को प्रतिबंधित किया जाना था। रोमनी ने असल में सरकारी कामों को भारत के एक कॉल सेंटर से करवाया।

रोमनी की तुलना ओबामा से करते हुए कटर ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा के पास ऐसी योजनाएं हैं जिनकी मदद से लाखों लोगों को उनकी नौकरियां वापस मिल सकेंगी और छोटे बिजनेस नौकरियां पैदा कर सकेंगे। उनकी कोशिश है कि अमेरिकी नौकरियां देश से बाहर ना जाएं। इसके लिए वे उन कंपनियों की कर माफी के लिए भी लड़ रहे हैं जो नौकरियों को वापस अमेरिका में ला रही हैं।

ओबामा के वरिष्ठ रणनीतिकार डेविड एक्सेलरोड ने भी एक सम्मेलन में इस लेख को आधार बनाते हुए कहा कि गर्वनर रोमनी की पृष्ठभूमि कहीं से भी यह नहीं दर्शाती कि वे अमेरिकी कर्मचारियों और अमेरिकी नौकरियों का पक्ष लेंगे। (भाषा)

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