चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ अपनी ही पार्टी में आई दरार की खबरों बीच भारत समेत विदेश की 10 दिन की यात्रा पर रविवार को रवाना हो गए। इससे यह संकेत मिलता है कि उदीयमान राजनैतिक सितारे बो शिलाई को बर्खास्त किए जाने के बाद उत्पन्न हालात पर नेतृत्व का नियंत्रण है।
शिलाई की बर्खास्तगी ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में दरार की अटकलों को जन्म दिया था। कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव हू और 23 लाख सैनिकों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रमुख विश्व परमाणु शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोल के लिए रवाना हो गए।
इसके बाद वह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली रवाना होंगे। उसके बाद वह कंबोडिया के दौरे पर जाएंगे। उनकी रवानगी से 61 वर्षीय बो की बर्खास्तगी के बाद पार्टी में दरार की अटकलों को विराम लग गया। बो कट्टरपंथी धड़े के शक्तिशाली नेता थे।
बो की बर्खास्तगी उनके पूर्व करीबी सहायक और पुलिस प्रमुख वांग लिजुन के एक नाटकीय घटनाक्रम में कथित तौर पर अमेरिका की शरण में जाने के प्रयास करने के कुछ हफ्तों बाद की गई थी।
माइक्रोब्लॉग वीबो की रिपोर्ट में विगत कुछ दिनों के दौरान काफी अटकलें सामने आ गई थीं जिसमें कहा गया था कि बीजिंग में जहां शीर्ष नेता ठहरते हैं, वहां युद्धक टैंक देखे गए।
बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि ये तस्वीरें पुरानी थी, जिसे सेना परेड की रिहर्सल के दौरान लिया गया था।
बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, ‘करीब से देखने पर कुछ तस्वीरें सेना की परेड रिहर्सल की पुरानी तस्वीरें लगती हैं, अन्य तस्वीरें दावे के विपरीत बीजिंग की नहीं लगती हैं बल्कि अलग-अलग चीनी शहरों की हैं।’
बो को इस साल सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में होने वाले नेतृत्व परिवर्तन के लिए शीर्ष दावेदार समझा जा रहा था। उन्हें चोंगछिंग शहर के पार्टी प्रमुख के पद से हटाया गया है। वहां उन्होंने पुलिस प्रमुख वांग के साथ स्थानीय माफिया को बेरहमी से दमन किया था।
बो के लिए स्थिति तब बिगड़ गयी जब वांग अपने पूर्व बॉस की ओर से बदले की कार्रवाई किए जाने की आशंका से अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पहुंच गए और कथित तौर पर शरण मांगा।
वांग हालांकि एक दिन बाद अमेरिकी मिशन से बाहर निकले। उनका अपनी जान बचाने को कथित तौर पर केंद्रीय सरकार के साथ समझौता हो गया था। उन्हें फिलहाल अज्ञात स्थान पर रखा गया है।
इस बीच, बो को 10 दिन चले संसद के सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति दी गई जो गत 14 मार्च को समाप्त हुई। बाद में उन्हें शक्तिशाली पोलित ब्यूरो को छोड़कर ज्यादातर पदों से बर्खास्त कर दिया गया।
उनकी बर्खास्तगी का आदेश चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ द्वारा राजनैतिक सुधारों का रास्ता रोकने पर दूसरी सांस्कृतिक क्रांति की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद आया। (भाषा)