हैदराबाद। अंक तालिका में 16 अंकों के साथ टॉप पर चल रही सनराइजर्स हैदराबाद टीम के कप्तान केन विलियमसन असली 'रिंग मास्टर' हैं और वे इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि उन्हें आईपीएल के सर्कस में अपने शेरों का इस्तेमाल कैसे करना है। यदि विराट की सेना के खिलाफ हैदराबाद 5 रनों से सनसनीखेज जीत दर्ज करने में सफल रहा तो इसका श्रेय विलियमसन की 'चाणक्य नीति' को जाता है।
न्यूजीलैंड की तरफ से खेलने वाले केन विलियमसन को जब सनराइजर्स हैदराबाद ने डेविड वॉर्नर पर प्रतिबंध लगने के कारण टीम की कमान सौंपी तो सपने में भी नहीं सोचा था कि ये रिंग मास्टर टीम का कायाकल्प कर देगा। टीम में शिखर धवन और शकीबुल हसन की मौजूदगी के बाद भी हैदराबाद के प्रबंधकों ने विलियमसन पर जो भरोसा जताया, उस पर वे खरा सोना बनकर उभरे हैं।
विलियमसन 16वें ओवर में उमेश यादव की गेंद पर मनदीप सिंह के दर्शनीय कैच का शिकार हुए। उन्होंने 39 गेंदों का सामना किया जिसमें 5 चौके और 2 छक्के उड़ाए। 14वें और 15वें ओवर में हैदराबाद ने कुल 25 रन बटोरे। हैदराबाद 20 ओवर में कुल 146 रनों पर भले सिमट गया हो लेकिन बाद में विलियमसन ने गजब की कप्तानी करके इस छोटे से स्कोर की रक्षा की और बेंगलुरु को 5 रन से हराया।
जिस तरह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स की जान हैं, ठीक उसी तर्ज पर केन विलियमसन भी सनराइजर्स हैदराबाद टीम की रीढ़ हैं। वे अपनी चाणक्य नीति से ऐसे तानाबाने बुनते हैं कि विरोधी टीम के बल्लेबाज उसमें फंसते चले जाते हैं। सोमवार को उन्होंने आखिरी ओवर भुवनेश्वर के लिए बचाकर रखा था। बेंगलुरु को 12 गेंदों में 19 और 6 गेंदों में 12 रन की दरकार थी।
अंतिम गेंद पर बेंगलुरु को विजयी छक्का चाहिए था। आईपीएल जैसे मसाला क्रिकेट में आखिरी गेंद पर छक्का लगाना कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन भुवनेश्वर ने ग्रांडहोम के डंडे बिखेरकर विरोधी टीम के कप्तान विराट कोहली को सिर पकड़ने पर मजबूर कर डाला। इसमें कोई शक नहीं कि आईपीएल के इस सत्र में निश्चित रूप से आने वाले मैचों में केन विलियमसन के और कारनामे देखने को मिलेंगे। (वेबदुनिया न्यूज)