आईपीएल 11 : पुणे को भी चेन्नई के रंग में रंगने उतरेंगे धोनी

गुरुवार, 19 अप्रैल 2018 (15:03 IST)
पुणे। चेन्नई सुपरकिंग्स विवादों के चलते अपना घर बदल जाने के बाद शुक्रवार को नए घरेलू मैदान पुणे में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ पहले मुकाबले के लिए उतरेगी, जहां कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए टीम का विजयी आगाज चुनौती होगा।
 
 
आईपीएल ट्वंटी-20 का 2 बार खिताब जीत चुकी चेन्नई 3 मैचों में 2 जीत और 1 हार के बाद चौथे नंबर पर है। लेकिन चेन्नई का घरेलू मैदान बदल जाने से टीम के सामने अब पुणे में घरेलू मैचों को खेलना और यहां की नई परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालना एक और चुनौती की तरह है।
 
भ्रष्टाचार विवाद के कारण 2 वर्ष के निलंबन के बाद टूर्नामेंट में वापसी कर रही चेन्नई सुपरकिंग्स ने 11वें संस्करण में एकमात्र मैच ही घरेलू चेपॉक स्टेडियम में खेला और राज्य में कावेरी विवाद के कारण अब बाकी के सभी घरेलू मैच वह पुणे में ही खेलेगी। हालांकि एक बात अच्छी है कि उसे पुणे में भी अपने घरेलू समर्थकों की कमी महसूस नहीं होगी, जो अपना सारा कामकाज छोड़कर बड़ी तादाद में चौथे मैच के लिए मौजूद रहेंगे।
 
चेन्नई सुपरकिंग्स के करीब 1,000 प्रशंसकों की येलो ब्रिगेड ट्रेन से पुणे पहुंच रही है और पुणे को अपने रंग में रंगने के लिए तैयार है। प्रशंसक अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तो तैयार हैं लेकिन अब जिम्मेदारी कप्तान धोनी और उनकी टीम की रहेगी कि वे भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट करें जिन्हें कि अपने पिछले मैच में किंग्स इलेवन पंजाब के हाथों करीबी मैच में 4 रन से हार झेलनी पड़ी थी।
 
चेन्नई ने अभी तक टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है लेकिन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में वह अच्छी बल्लेबाजी के बावजूद लक्ष्य से मात्र 4 रन ही पिछड़ गई थी और 198 के लक्ष्य के सामने 5 विकेट पर 193 रन बनाकर मैच गंवा बैठी। इस मुकाबले में भी हमेशा की तरह सर्वश्रेष्ठ फिनिशर और कप्तान धोनी की अहम भूमिका रही जिन्होंने 44 गेंदों में 6 चौके और 5 छक्के उड़ाते हुए नाबाद 79 रन की लाजवाब पारी खेली थी।
 
हालांकि इस मैच में धोनी के प्रदर्शन को छोड़ दें तो टीम के गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने खासा निराश किया। गेंदबाजों ने बहुत महंगा प्रदर्शन किया जिसमें अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह 4 ओवरों में 41 रन देकर सबसे महंगे साबित हुए तो दीपक चहर ने 3 ओवरों में 37 रन लुटाए और खाली हाथ रहे। कैरेबियाई ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो ने भी इतने ही रन लुटाए। हालांकि शेन वॉटसन, इमरान ताहिर और शार्दुल ठाकुर ने रन देने के साथ विकेट भी लिए।
 
दूसरी ओर बल्लेबाजों में ओपनर वॉटसन तथा मुरली विजय अच्छी शुरुआत नहीं दिला सके। अंबाटी रायुडु के 49 और धोनी के नाबाद 79 रनों के अलावा बड़े लक्ष्य का पीछा करने में और किसी बल्लेबाज की भूमिका खास नहीं रही जबकि स्टार ऑलराउंडर रवीन्द्र जडेजा ने भी 19 रन ही बनाए। ऐसे में जरूरी है कि राजस्थान के खिलाफ टीम अपनी रणनीति में बदलाव करे।
 
राजस्थान के प्रदर्शन को देखें तो वह भी अपने 4 मैचों में मात्र 2 ही जीत सकी है। वह भी चेन्नई की ही तरह 2 वर्ष बाद टूर्नामेंट में वापसी कर रही है और कप्तान अजिंक्या रहाणे के नेतृत्व में उसने अपना पिछला मैच घरेलू जयपुर मैदान पर कोलकाता के खिलाफ 7विकेट से हारा था। राजस्थान के लिए भी फिलहाल गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में बेहतर प्रदर्शन चुनौती बना हुआ है।
 
बल्लेबाजों में रहाणे, युवा संजू सैमसन, डी आर्की शॉर्ट, जोस बटलर और बेन स्टोक्स उसके अच्छे खिलाड़ी हैं तो गेंदबाजों में कृष्णप्पा गौतम, धवल कुलकर्णी, जयदेव उनादकट अच्छे खिलाड़ी हैं। हालांकि पिछले मैच में उसके गेंदबाजों ने खासा निराश किया था और गौतम के 2 विकेट के अलावा सभी गेंदबाज खाली हाथ रहे जिसने उसके गेंदबाजी विभाग की कमियों को उजागर किया है और चेन्नई जैसी मजबूत टीम के खिलाफ उसे जीतने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। (वार्ता)

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