बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, अश्विन को खेलभावना पर लेक्चर देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उसने जो किया, वह नियमों के दायरे में था। अंपायर और मैच रैफरी वहां थे जिनका काम यह सुनिश्चित करना है कि मैच नियमों के दायरे में खेला जाएं।
अधिकारी ने कहा, मुझे पता है कि शुक्ला जी किस बैठक की बात कर रहे हैं। वह नया नियम आने से पहले की बात है जिसमें कहा गया है कि मांकड़िंग से पहले बल्लेबाज को चेतावनी देना जरूरी है। उसमें तय किया गया था कि गेंदबाज कम से कम बल्लेबाजों को चेतावनी जरूर देंगे।
यह पूछने पर कि क्या धोनी ऐसा करते, उन्होंने कहा, वह ऐसा कभी नहीं करता लेकिन क्या इससे अश्विन गलत हो गया। उसे नियमों की काफी जानकारी है और वह हमेशा खामियों का फायदा उठाएगा। इसमें कुछ नहीं किया जा सकता।