लीग में शीर्ष स्थान पर काबिज होने के लिए अहम मुकाबले को जीतने के बाद धोनी ने कहा कि मैंने गेंद को अच्छे से देखा और शॉट लगाए। आखिरी ओवर में आप हर गेंद पर बल्ला चलाने के लिए तैयार होते हैं। नए बल्लेबाज के मुकाबले जिस बल्लेबाज ने 10-15 गेंद खेली होती हैं, उसके लिए शॉट लगाना आसान होता है। अंबाती रायुडू नए बल्लेबाज थे और उनके लिए मैदान पर उतरने के साथ अपने शॉट खेलना आसान नहीं था।
आखिरी ओवर में स्ट्राइक बदलने पर उन्होंने कहा कि ऋषभ पंत ने ग्लब्स नहीं उतारे थे, जिसकी वजह से मुझे बाय रन चुराने में आसानी रही। हम जब गेंदबाजी करने उतरे तब शुरुआत में हरभजन सिंह को पिच से ख़ास मदद नहीं मिल रही थी, लेकिन दिल्ली लगातार विकेट गंवाती गई और बाद में पिच धीमी हो गई, जिससे स्पिनरों को अधिक मदद मिली।
थाला नाम से मशहूर धोनी ने विकेट के पीछे अपनी तेज विकेटकीपिंग को लेकर कहा कि यह मैंने टेनिस, क्रिकेट से सीखा है। लेकिन आपको बुनियादी बिन्दुओं पर काम करना होता है उसके बाद ही आप अगले पड़ाव पर जाते हैं। बुनियादी पहलुओं से जुड़े रहना बेहद जरूरी है।
सबसे तेज विकेटकीपर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता। अगली लीग में खेलने के लिए यह अच्छा पहलू है। थाला नाम से मशहूर होने पर भी धोनी ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि ऐसा उपनाम हासिल करना बेहद ख़ास अहसास है। यह बहुत बड़ा नाम है़ जो प्रशंसकों ने मुझे दिया है। तमिलनाडु के लोग मुझे मेरे नाम से नहीं बल्कि थाला नाम से बुलाते हैं। उन्होंने मुझे और टीम को बहुत प्यार दिया है।
गौरतलब है कि बुधवार को चेन्नई में खेले गए मुकाबले में चेन्नई की बहुत धीमी शुरुआत हुई थी, लेकिन सुरेश रैना और धोनी की पारी की बदौलत टीम दिल्ली को 180 रनों का मजबूत लक्ष्य देने में कामयाब रही। धोनी ने 22 गेंदों में ताबड़तोड़ 44 रन जड़कर टीम को इस स्कोर तक पहुंचाया। इस पारी के लिए उन्हें 'मैंन ऑफ़ द मैच' भी चुना गया।