महेंद्र सिंह धोनी ही भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर : धवन
गुरुवार, 25 अप्रैल 2019 (19:21 IST)
नई दिल्ली। विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुने गए ओपनर और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने स्पष्ट कर दिया है कि महेंद्र सिंह धोनी ही सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं और ऋषभ पंत को अभी लंबा सफर तय करना है।
दिल्ली कैपिटल्स टीम के आधिकारिक आईटी स्किल्स ट्रेनिंग पार्टनर जेटकिंग इंफोट्रेन लिमिटेड के गुरुवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में धवन ने टीम के अन्य खिलाड़ियों ऋषभ पंत, ईशांत शर्मा और हनुमा विहारी की मौजूदगी में यह बात कही।
धोनी और पंत में सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर के बारे में पूछे जाने पर शिखर ने तुरंत कहा, धोनी सर्वश्रेष्ठ हैं। धोनी भाई के पास विशाल अनुभव है और वह मौजूदा समय में सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं। पंत अभी युवा हैं और धोनी के साथ रहकर वह भविष्य में बेहतर विकेटकीपर बनेंगे।
पंत को भारतीय टीम में धोनी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। पंत इस समय भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं जबकि धोनी सीमित ओवर में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं। धोनी 30 मई से इंग्लैंड में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में भारतीय टीम में विकेटकीपर हैं।
टीम में दूसरे विकेटकीपर के रूप में दिनेश कार्तिक को शामिल किया गया है जबकि एक समय प्रबल दावेदार माने जा रहे पंत को चयनकर्ताओं ने नजर अंदाज किया। हालांकि पंत को बाद में विश्व कप टीम के तीन वैकल्पिक खिलाड़ियों में शामिल किया गया है।
यह पूछने पर कि दिल्ली कैपिटल्स टीम में कोच रिकी पोंटिंग और सलाहकार सौरव गांगुली में से कौन ज्यादा प्रेरणास्त्रोत है, शिखर, ईशांत, पंत और हनुमा ने एक स्वर में कहा कि दोनों ही दिग्गजों ने टीम पर सकारात्मक प्रभाव डाला है और खिलाड़ियों को ऐसा प्रेरित किया है कि दिल्ली की टीम प्लेऑफ की दहलीज पर पहुंच गई है।
यह पूछने पर कि दिल्ली की टीम आईपीएल के फाइनल में किससे भिड़ना पसंद करेगी, चारों खिलाड़ियों ने एक स्वर में कहा, हम प्लेऑफ के नजदीक हैं और उम्मीद है कि इस बार फाइनल में भी पहुंचेंगे। फाइनल में हमारे सामने कोई भी टीम आ जाए हम उससे भिड़ने के लिए तैयार रहेंगे।
कार्यक्रम में जेटकिंग के छात्रों के लगभग 12 हजार सवालों में से कुछ सवाल छांटकर इन क्रिकेटरों से पूछे गए। इन क्रिकेटरों ने साथ ही चुने हुए प्रतिभाशाली छात्रों को स्कॉलरशिप भी प्रदान की। शिखर ने इस अवसर पर माता पिता को सलाह दी कि उन्हें खुले विचारों का होना चाहिए और बच्चों पर पढ़ाई को लेकर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
शिखर ने कहा, बच्चे अपने जीवन और करियर में जो करना चाहते हैं उन्हें करने देना चाहिए। मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था लेकिन खेल में अच्छा था इसलिए मेरे माता पिता ने मुझे खेलने दिया। लेकिन मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में 23 साल लग गए। मैं अपने माता पिता का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे अपना करियर बनाने दिया। बच्चों से उनका बचपन नहीं छीनना चाहिए और मैं चाहता हूं कि उनकी जो रूचि है वे उसप र दिल लगाकर काम करें।
ईशांत ने भी कहा, बच्चों को परिवार का समर्थन बहुत जरूरी हो जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि उनपर कोई दबाव न हो और वे अपना काम खुद कर सकें।