शारजाह। महेंद्र सिंह धोनी की कुशल कप्तानी से चेन्नई सुपर किंग्स का अभियान फिर से पटरी पर लौट आया है लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग के अगले मैच में शनिवार को उसे यहां दिल्ली कैपिटल्स की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच में धोनी ने जो भी रणनीति अपनाई वह कारगर साबित हुई और सत्र में अपनी उम्मीदें बरकरार रखने के लिए उनकी टीम दिल्ली के खिलाफ भी इसी तरह का खेल दिखाने का कोशिश करेगी।
चाहे वह सैम कुरेन को सलामी बल्लेबाज के रूप में उतारना हो या फिर 7 गेंदबाजों का उपयोग करते हुए तेज गेंदबाज दीपक चाहर का कोटा शुरू में ही समाप्त करना, धोनी की प्रत्येक रणनीति पिछले मैच में सफल रही थी।
धोनी ने लेग स्पिनर पीयूष चावला से केवल एक ओवर करवाया और वह भी 16वें ओवर में। उन्होंने रवीन्द्र जडेजा और कर्ण शर्मा पर अधिक भरोसा दिखाया। पूरी संभावना है कि शारजाह के लगातार धीमे होते विकेट पर चेन्नई फिर से 3 स्पिनरों के साथ उतरेगा।
शारजाह में स्पिनरों की भूमिका अहम रही है और पिछले 2 मैचों में भी ऐसा देखने को मिला जब धीमी गति के गेंदबाजों के अच्छे प्रदर्शन से टीमों ने जीत दर्ज की। चेन्नई का सामना अब उस टीम से है, जो लगातार अच्छे प्रदर्शन से आत्मविश्वास से ओतप्रोत है। दिल्ली की तरफ से दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा और एनरिच नोर्जे ने गेंदबाजी का जिम्मा बखूबी संभाला है। नोर्जे ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में 156.2 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद की थी।
स्पिन विभाग में आर अश्विन और अक्षर पटेल ने प्रभावशाली गेंदबाजी की तो पिछले मैच में तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे ने आईपीएल में अपने पदार्पण को यादगार बनाया। दिल्ली की टीम हालांकि कप्तान श्रेयस अय्यर की फिटनेस को लेकर परेशान है जिनका पिछले मैच में कंधा चोटिल हो गया था। अय्यर बहुत अच्छी फार्म में हैं और उन्होंने टीम की अच्छी तरह से अगुवाई भी की है।
अगर वह कल नहीं खेल पाते हैं तो दिल्ली को उनकी बल्लेबाजी और शांतचित नेतृत्व की कमी खलेगी। दिल्ली के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत चोटिल होने के कारण पहले ही बाहर हैं। टीम को प्रतिभाशाली पृथ्वी शॉ और शिखर धवन से अच्छी शुरुआत की उम्मीद रहेगी। अय्यर के नहीं खेलने पर मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे और मार्कस स्टोइनिस की जिम्मेदारी भी बढ़ जाएगी।