दोनों ही बाहुबली थे लेकिन बेचारे दांत कुरेद कर पेट भर रहे थे और दोनों पर ही आईपीएल से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था। दोनों के ही समान अंक थे लेकिन दोनों ही अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्षरत थे।
एक तरफ नारंगी टोपी धारी केएल राहुल अपने नंबर बढ़ाने में लगे हुए थे तो दूसरी तरफ राजस्थान की तथाकथित रेत दांव पर लगी हुई थी। इन हरल्लों में युद्ध का बिगुल बजा और पहला वार करने के लिए स्मिथ ने विपक्ष को मौका दे दिया। आर्चर मतलब धनुर्धारी। बंदे का बाउंसर के रूप में पहला ही घातक वार मनदीप सिंह बचा नहीं पाए और स्टोक्स ने गोता लगाकर जमीन चूमने से ही पूर्व गेंद लपक ली।
इसके बाद तो कुंभकर्ण मैदान में उतरा। 5 मैच पूर्व ही जगे इस असुर ने गेंदबाजों का भक्षण करना प्रारंभ कर दिया। अपने बल्ले से 600 से अधिक रनों का शिकार करने वाले राहुल ने इस दौर में बेहद निराश किया।
खोने के लिए कुछ भी नहीं था इसके बावजूद पता नहीं क्यों बिला वजह जिम्मेदारी ओढ़कर यह बंदा दबकर खेला और इस वजह से सारा दबाव गेल पर आ गया। भले ही दोनों की साझेदारी में 115 रन आए लेकिन इस वजह से गेल की लय बिगड़ने लगी। राहुल 46 (41) रनों की पारी खेली लेकिन उसमें वह सूरमा वाले तेवर नहीं थे। गेल तो गेल ही ठहरे, जब मौका मिला गेंदबाजों को रणभूमि के बाहर (8 छक्के) फेंक दिया।
इस दौर में इस असुर शक्ति ने T-20 गेम अपने जीवन काल में 410 मैचों में 1000 छक्के पूरे कर लिए। 13 हजार 700 रन से अधिक गेंदबाजों का रनशिकार करने वाले इस राक्षस के मुकाबले 690 छक्के जड़ने वाले पोलार्ड उनके आसपास भी नहीं है। राहुल के बाद निकोलस पूरन भी आए और मात्र 10 गेंदों में 22 रनों का शिकार कर गए। आखिर आर्चर ने अपने यॉर्कर तीर से 99 के व्यक्तिगत योग पर इस महा दानव का शिकार करने में कामयाबी हासिल की और सारी सेना ने चैन की सांस ली।
10 के व्यक्तिगत योग पर उथप्पा की गलती से रियान से और 50 के योग पर तेवतिया ने खुद की गलती से गेल को जीवनदान का अमृत दिया जबकि वह कैच स्टोक्स आसानी से पकड़ सकते थे। वास्तव में इस विधा में जीवनदान अमृत है और रक्षण करने वालों के लिए विष। परिणाम स्वरूप 186 रनों का विशाल लक्ष्य राजस्थान के समक्ष उन्हें मुंह फाड़कर निकलने को आतुर था।
राहुल उस समय यह भूल गए कि विपक्ष में भी एक मायावी शक्ति मौजूद है। स्मिथ के ब्रह्मास्त्र के रूप में बेन स्टोक्स कहर बनकर किंग्स पर टूट पड़े। सारे गेंदबाज त्राहि-त्राहि करने लगे। ऐसा कहते हैं कि मायावी शक्ति रात में अधिक घातक होती है। स्टोक्स ने इसे सिद्ध करते हुए पावर प्ले में टीम के ही नहीं बल्कि खुद के 50 रन मात्र 24 गेंदों में ठोंककर किंग्स के रक्षा पंक्ति को तहस नहस कर दिया।
पहली बार पावर प्ले में व्यक्तिगत 50 आए। स्टोक्स को भी 12 के व्यक्तिगत योग पर मैक्सवेल ने मुश्किल जीवनदान दे दिया जो अमोघ शक्ति के रूप में किंग्स के लिए अभिशाप बन गया। उसके बाद तो संजू सैमसन (48) ने शास्त्रीय पद्धति से अपनी तलवार भांजी जबकि उथप्पा (30) ने भी कत्लेआम मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बाद में गदाधारी स्मिथ (31) तथा बटलर (22) ने दुश्मनों का कचूमर निकाल कर 2.3 ओवर पूर्व किंग्स के रणबांकुरे को धूल चटा दी। इस मान मर्दन के बावजूद किंग्स की संभावनाएं अभी भी जिंदा है और दूसरी टीमों के परिणाम पर आश्रित है। वैसे तो मुंबई शीर्ष पर है और चेन्नई रसातल में। शेष बची हुई छह टीमों के बीच का संघर्ष अब अपने चरम पर होगा।