दुबई:बड़े मैचों में खेलने का अपार अनुभव रखने वाले खिलाड़ियों के दम पर चेन्नई सुपर किंग्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के रविवार को यहां होने वाले पहले क्वालीफायर में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ जीत के मजबूत दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी।
दिल्ली की टीम लीग में 20 अंक लेकर सबसे ऊपर रही और जिससे उनके प्रदर्शन में निरंतरता का पता चलता है। कोविड-19 के कारण टूर्नामेंट बीच में स्थगित होने के बावजूद दिल्ली ने अपनी निरंतरता बनाये रखी थी।
चेन्नई ने पिछले साल चूकने के बाद फिर से प्लेऑफ में जगह बनायी है। उसने जिन 12 आईपीएल में हिस्सा लिया है उनमें से 11 बार उसकी टीम प्लेऑफ में पहुंची है। हालांकि आखिर में लगातार तीन मैच गंवाना उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नागवार गुजरा होगा।
दिल्ली को भी अपना पिछला मैच गंवाना पड़ा। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कोना भरत ने अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर दिल्ली को इस मैच में झटका दिया था। इससे उनकी स्थिति पर असर नहीं पड़ा लेकिन उसका आत्मविश्वास जरूर डिगा होगा।
चेन्नई अब तक आठ बार फाइनल में जगह बना चुका है जिनमें से तीन बार वह चैंपियन बना है। इससे पता चलता है कि टीम जरूरत के समय में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है।
चेन्नई अपने उम्रदराज अनुभवी खिलाड़ियों पर विश्वास करता रहा है और अपनी टीम में अधिक फेरबदल भी नहीं करता है। रुतुराज गायकवाड़ अपवाद कहे जा सकते हैं जिनके बारे में यह कहा जा सकता है कि वह पिछले एक दशक में चेन्नई सुपर किंग्स की पहली देन हैं।
धोनी का सिद्धांत स्पष्ट है जो आजमाये जा चुके हैं, जिन्हें अनुभव है उन पर भरोसा रखो और यही वजह है कि उनकी टीम में रविंद्र जडेजा, अंबाती रायुडु, सुरेश रैना, ड्वेन ब्रावो और फाफ डुप्लेसिस जैसे खिलाड़ी हैं।
इनके अलावा जोश हेजलवुड और मोईन अली जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं और पूर्व भारतीय कप्तान धोनी को पता है कि वह किस तरह का संयोजन चाहते हैं।
दिल्ली का मजबूत पक्ष उसकी गेंदबाजी है। अवेश खान (22 विकेट), अक्षर पटेल (15 विकेट), कैगिसो रबाडा (13 विकेट) और एनरिच नोर्किया (नौ विकेट) ने अब तक अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह से निभायी है।(भाषा)