शानदार फॉर्म में चल रहे कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ रविवार को होने वाले आईपीईएल मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा तभी वह जीत की पटरी पर लौट पायेगा। कोलकाता चार मैचों में तीन मैच जीत चुका है जबकि दिल्ली ने तीन में से सिर्फ एक मैच ही जीता है।
हेड टू हेड रिकॉर्ड
दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो मामला काफी करीबी है। 29 मैचों में 16 मैच कोलकाता जीती है जबकि 12 मैच दिल्ली जीती है। फॉर्म को कोलकाता का बेहतर ही है समीकरण अब भी दिल्ली के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहे हैं।
कोलकाता की सबसे बड़ी ताकत है अति निर्भरता ना होना
कोलकाता की टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत से ही जो खेल दिखाया है उस से यह कहा जा सकता है कि टीम अपने किसी भी खिलाड़ी पर अति आत्मनिर्भर नहीं है। मसलन वैंकटेश अय्यर 3 मैचों से फॉर्म में नहीं थे फिर भी टीम जीत रही थी।
टीम जब लड़खड़ाती है तो किसी ना किसी का साथ मिल जाता है। चाहे पंजाब के खिलाफ आंद्रे रसेल हो या फिर मुंबई के खिलाफ पैट कमिंस कोई ना कोई संकटमोचन तो कोलकाता को मिल ही जाता है। यह हाल तब है जब कप्तान श्रेयस अय्यर फॉर्म में नहीं है। उनके बल्ले से अभी तक बड़ी पारी निकलना बाकी है।
कोलकाता की कमजोरियों को ढूंढेगें तो वह बाल की खाल निकालना होगा। कप्तान को छोड़ दिया जाए तो अब लगभग उनका हर खिलाड़ी फॉर्म में है।
दिल्ली को मिल गई है बाएं और दाएं हाथ की सलामी जोड़ी
दिल्ली के लिए शुरुआती मैचों में परेशानी का सबब था उनकी सलामी जोड़ी। न्यूजीलैंड के टिम सेफर्ट सलामी बल्लेबाजी में फिट नहीं बैठ रहे थे। डेविड वॉर्नर टीम से जुड़ चुके हैं। हालांकि पहले मैच में वह फ्लॉप हो गए थे लेकिन यह दिल्ली के लिए खुश खबरी है कि कम से कम पृथ्वी शॉ पिछले मैच में फॉर्म में आ गए हैं। डेविड वॉर्नर भी जल्द ही फॉर्म में आ जाएंगे ऐसी आशा है।
दिल्ली की दिक्कते हैं हजार
दिल्ली की सबसे बड़ी दिक्कत है उनके खिलाड़ियों का फॉर्म में ना होना। पहले मैच को छोड़ दिया जाए तो कप्तान से लेकर बड़े नामों ने अब तक निराश किया है। खासकर ऑलराउंडर्स बेअसर साबित हुए हैं। पहले मैच के हीरो रहे अक्षर पटेल और ललित यादव अब बेअसर साबित हो रहे हैं। टीम को जल्द एक इकाई के तौर पर खेलने की जरूरत है।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें
कोलकाता के कप्तान श्रेयस अय्यर एक कप्तान के तौर पर तो हिट हैं लेकिन एक बल्लेबाज के तौर पर लगातार फ्लॉप हुए जा रहे हैं। अगर कल उनका बल्ला चल जाता है तो कोलकाता की रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी और हो सकता है आने वाले दिनों में यह टीम अविजित बन जाए।
वैंकटेश अय्यर तो फॉर्म में आ गए लेकिन नीतिश राणा से अब तक बल्ला रूठा हुआ है। नीतिश राणा लगातार एकल आंकड़े पर पवैलियन लौट रहे हैं। मुंबई से हुए मैच में वह 8 रनों पर आउट हो गए थे। राणा जी ने इससे पहले हुए दो मैचों में भी निराश किया था।
चेन्नई के खिलाफ उन्होने 17 गेंदो में 2 चौके और 1 छक्के लगाए तो सही लेकिन 21 रन पर आउट हो गए तो बैंगलोर के खिलाफ राणा सिर्फ 10 रन बना पाए, तीसरे मैच में तो वह अपना खाता भी नहीं खोल पाए। अब उन पर भी फ्रैंचाइजी बड़ी पारी खेलने का दबाव डालने वाली है।
वेस्टइंडीज़ के हरफ़नमौला खिलाड़ी आंद्रे रसेल पर सभी की निगाहें रहेंगी। रसेल ने पंजाब किंग्स के विरुद्ध 31 गेंदों में नाबाद 70 रन बनाकर अच्छे फ़ॉर्म में होने के संकेत दिए हैं। दिल्ली के ख़िलाफ़ पिछले पांच मैचों में उनका स्कोर 45*, 13, 45, 62, 44 और 41 का रहा है, इसका मतलब है कि दिल्ली की गेंदबाज़ी उन्हें रास आती है।
दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ने पिछले मैच में एक तेज तर्रार पारी जरूर खेली थी लेकिन वह अपनी टीम को जीत दिलाने में नाकाम होते हुए दिख रहे हैं। पंत को दिल्ली के फैंस एक फिनिशर के रूप में देखना चाहते हैं। वह भूमिका जो महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कई समय तक निभाते हुए आए हैं।
डेविड वॉर्नर पिछले मैच में फ्लॉप हो गए थे। उनका टी-20 विश्वकप में उन्होंने अपने करियर को नई दिशा दी। वह इस टूर्नामेंट के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज थे। अब दिल्ली के फैंस चाहते हैं कि ऐसा ही प्रदर्शन वॉर्नर दिल्ली के लिए भी दिखाएं। वैसे भी वॉर्नर दिल्ली की पहली आईपीएल टीम रही है।
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव इस सीज़न में दिल्ली के लिए खेलते हुएअलग ही नज़र आए हैं। उन्होंने हर मैच में विकेट निकाले हैं। उनके नाम अब तक तीन मैचों में सिर्फ़ 6.94 की इकॉनमी से छह विकेट हैं। दिल्ली के फैंस चाहेंगे कि कोलकाता की सशक्त बल्लेबाजी के खिलाफ भी वह ऐसा ही प्रदर्शन करें।