आईपीएल का 30वां मुक़ाबला राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच ब्रेबोर्न स्टेडियम में सोमवार को खेला जाएगा जिसमें राजस्थान को कोलकाता की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
इंडियन प्रीमियर लीग की गत उपविजेता कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) का लगातार दो मैचों में करारी शिकस्त झेलने के बाद आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है लेकिन टीम सोमवार को जब राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसकी कोशिश अपने अभियान को पटरी पर लाने की होगी।
केकेआर को दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद ने पिछले दो मैचों में क्रमश: 44 रन और सात विकेट से हराया था। टीम में अब तक छह मैच खेले है जिसमें उसे एक अन्य हार का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ करना पड़ा था।
टीम तीन जीत के साथ अंक तालिका में मध्य स्थान पर बनी हुई। केकेआर ने शुरुआती चार में तीन मैच जीतकर सत्र का शानदार आगाज किया था लेकिन टीम लगातार दो हार से अंक तालिका में शीर्ष चार स्थान से नीचे खिसक गयी।
राजस्थान के पास है औरेंज और पर्पल कैप होल्डर
जोस बटलर और युजवेंद्र चहल मौजूदा टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले और विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में शामिल है।
चहल पांच मैचों में 12 विकेट के साथ शानदार लय में है। उन्होंने इस दौरान सिर्फ 6.80 के औसत रन दिये है। अनुभवी रविचंद्रन अश्विन की लय चिंता का विषय है। उन्होंने पांच मैचों में सिर्फ एक विकेट लिये है।
तेज गेंदबाजी में न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट (4 मैचों में 7 विकेट) का टीम के दूसरे गेंदबाजों ने अच्छा साथ दिया है।
बल्लेबाजी में बटलर (एक शतक और दो अर्धशतक के साथ 272 रन) और शिमरोन हेटमायर (एक अर्धशतक की मदद से 197 रन) के इर्द गिर्द घूम रही है।
बड़े नामों से बेहतर उम्मीद के आसार
टीम को हालांकि कप्तान संजू सैमसन , बेहद प्रतिभाशाली माने जाने वाले देवदत्त पड्डीकल के लय हासिल करने की उम्मीद होगी। इनके बल्ले से रन निकलते हैं और फिर बंद हो जाते हैं। दोनों के सामने ही लय की समस्या है।
आंद्रे रसेल हैं कोलकाता की सबसे बड़ी ताकत
रसेल केकेआर के लिए छह मैचों में 179 रन के साथ मौजूदा शीर्ष स्कोरर हैं और उन्होंने गेंद के साथ पांच विकेट लिये है।कोलकाता के आंद्रे रसेल ने ने हैदराबाद के ख़िलाफ़ अंतिम मुक़ाबले में 25 गेंदों में 49 रन की पारी खेली थी और फिर दो विकेट भी लिए थे। वह हार्दिक पांड्या के बाद इस सीज़न के सर्वाधिक मूल्यवान खिलाड़ी हैं।
बल्लेबाजी और गेंदबाजी में कोलकाता को सुधार की जरुरत
जीत की राह पर लौटने के लिए कोलकाता टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में सुधार करना होगा।कप्तान श्रेयस अय्यर छह मैचों में एक अर्धशतक के साथ कुल 151 रन ही बना सके है। उनके अलावा नितीश राणा और वेंकटेश अय्यर के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी रही है। सैम बिलिंग्स रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गेंदबाजी विभाग में तेज गेंदबाज उमेश यादव (6 मैचों में 10 विकेट) को छोड़कर कोई भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। पिछले सत्र में केकेआर के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले चक्रवर्ती छह मैचों में सिर्फ चार विकेट लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यही हाल सुनील नारायण का भी है।
ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान कमिंस ने इस दौरान तीन मैचों में तीन विकेट लिये है और वह भी अपने आंकड़ों को सुधारना चाहेंगे।
इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहें
कर्नाटक का युवा ओपनर देवदत्त पड़िक्कल पिछले साल की तरह अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ फ़ॉर्म में तो नहीं है, लेकिन 41, 37 और 29 का स्कोर बनाकर फ़ॉर्म में वापसी की झलक दिखलाई है। सैमसन की तरह ही वह अपने सर्वश्रेष्ठ से बस एक पारी दूर हैं और वह पारी कभी भी आ सकती है। ऐसे में निश्चित रूप से उन पर जोखिम लिया जा सकता है। केकेआर के ख़िलाफ़ भी उनका रिकॉर्ड शानदार है और उन्होंने पिछली पांच परियों में उनके ख़िलाफ़ 21, 22, 25, 25 और 32 का स्कोर बनाया है।
जिम्मी नीशम को राजस्थान टीम ने मौका दिया था लेकिन वह गेंद और बल्ले दोनों से ही प्रभावित नहीं कर पाए। पिछले मैच में 3 ओवरों में उन्होंने 29 रन दिए। इसके अलावा बल्लेबाजी में वह सिर्फ 15 गेंदो में 17 रन बना पाए थे।
राजस्थान की ओर से अपना आईपीएल डेब्यू करने वाले रासी वेन डेर डुसें पर भी काफी दबाव रहेगा। मध्यक्रम को मजबूत करने में वह विफल रहे हैं और सिर्फ 2 मैचों में 10 रन बना पाए हैं।
कोलकाता के अबूझ स्पिनर सुनील नारायण पांच की इकॉनमी से गेंदबाज़ी कर रहे हैं और इस सीज़न के अब तक के सबसे कंजूस गेंदबाज़ रहे हैं। उन्हें बल्लेबाज़ी में भी ऊपर भेजा जाता है। तो वह फ़ायदे का सौदा हो सकते हैं।
पैट कमिंस ने एक बार बल्ले से 56 रन की पारी जरूर खेली है लेकिन वह लगातार 3 मैचों से गेंद से बहुत महंगे साबित हो रहे हैं। 4 ओवरों में 45, 54 और फिर 40 रन देकर वह टीम की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। वह अच्छी खासी गेंदबाजी कर रहे टिम साउदी की जगह आए थे। इस कारण कल उन पर खासा दबाव होगा।
कुछ ऐसा ही वरुण चक्रवर्ती के लिए भी कहा जा सकता है। पिछले मैच में उन्होंने 4 ओवरों में 45 रन दिए थे। पिछले 6 मैचों में वह सिर्फ 4 विकेट ले पाए थे। उन्हें जल्द अपनी गेदंबाजी पर ध्यान देना होगा नहीं तो यह मिस्ट्री स्पिनर जल्द हिस्ट्री बन जाएगा।