चेन्नई को जड़ेजा तो मुंबई को सूर्यकुमार के बिना भिड़ना पड़ेगा एक दूसरे से
गुरुवार, 12 मई 2022 (00:00 IST)
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पास आईपीएल प्लेऑफ की अपनी उम्मीदों को जिन्दा रखने के लिए मुंबई इंडियंस के खिलाफ गुरूवार को होने वाले टूर्नामेंट के 59वें मैच में आखिरी मौका होगा। इस मैच को जीतने पर ही चेन्नई की शेष मैचों में उम्मीदें बनी रहेंगी। हारने की सूरत में चेन्नई भी मुम्बई की तरह रेस से बाहर हो जायेगी। चेन्नई के 11 मैचों में चार जीत के बाद आठ अंक हैं और वह तालिका में मुम्बई से एक स्थान ऊपर नौंवें स्थान पर है।
हेड टू हेड रिकॉर्ड
हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो मुंबई का पलड़ा चेन्नई पर भारी है। 33 मैचों में से 19 मैच मुंबई जीत चुकी है और 14 चेन्नई के नाम रहे हैं। हालांकि इस सत्र में धोनी की करिश्माई पारी की बदौलत चेन्नई ने मुंबई को अंतिम गेंद पर इस सत्र के पहले मुकाबले में हराया था।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी फिलहाल एकमात्र ताकत
चेन्नई की टीम के कुल प्रदर्शन में से कोई बड़ी ताकत निकाल पाना मुश्किल है। फिलहाल सिर्फ यह ही कहा जा सकता है कि टीम के महेंद्र सिंह धोनी कप्तान है तो मैदान पर कुछ अहम निर्णय लेने के लिए उनके पास अनुभव ज्यादा होगा।मुंबई के खिलाफ पिछले मैच में धोनी ने ही टीम की नैया पार लगाई थी।
चोटों से चेन्नई का बुरा हाल
दूसरी ओर चेन्नई को खिलाड़ियों की चोटों और खराब फॉर्म ने परेशान किया है। दीपक चाहर और एडम मिल्ने चोट के कारण पूरे सत्र से बाहर हैं जबकि आज ही रविंद्र जडेजा भी चोट के चलते पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। अंबाती रायुडू, धोनी, शिवम दुबे और मोईन अली ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है ।गेंदबाजी में महीष तीक्षणा, मुकेश चौधरी और ड्वेन ब्रावो को विकेट मिले हैं लेकिन वे महंगे रहे हैं।
मुंबई के मध्यक्रम में कुछ बल्लेबाजों ने जगाया विश्वास
मुंबई ने जैसा खेल दिखाया है उसमें कोई खास बात या ताकत ढूंढना बहुत की मुश्किल है। लेकिन फिर भी मध्यक्रम के कुछ बल्लेबाज जैसे सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा और डेवाल्ड ब्रेविस में से कोई एक अच्छी पारी खेलता ही है। पिछले मैच में मुंबई का लंबे समय बाद जो खाता खुला उसका श्रेय इन ही बल्लेबाजों को जाना चाहिए।हालांकि अब टीम को सूर्यकुमार यादव की सेवाएं नहीं मिलेंगी। उनकी कमी टीम को कोलकाता के खिलाफ भी खली थी।
मुंबई की गेंदबाजी का बुरा हाल
वैसे तो मुंबई की सलामी बल्लेबाजी ने नाक कटाई है लेकिन गेंदबाजी मुंबई की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी साबित हुई है। जसप्रीत बुमराह के अलावा सभी गेंदबाज महंगे साबित हुए है। फिर चाहे वह डेनियल सेम्स हो मुरुगन अश्विन या फिर जयदेव उनादकट। इस कारण टीम ने 1 बाएं हाथ का स्पिनर और एक तेज गेंदबाज दल में शामिल किया है।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें
चेन्नई की टीम और विदेशी सलामी बल्लेबाज़ की एक अनोखी प्रेम कहानी रही है। मैथ्यू हेडन, माइकल हसी, शेन वॉटसन, फ़ाफ़ डुप्लेसी के बाद डेवन कॉन्वे इस सूची में शामिल हो चुके हैं। अपने पिछले तीन मैचों में 87, 56 और 85 का स्कोर बनाकर वह शानदार लय में नज़र आए हैं। ख़ासकर स्पिन के विरुद्ध वह आग बनकर बरसे हैं। स्पिन के ख़िलाफ़ उन्होंने 196.55 के स्ट्राइक रेट से 114 रन बनाए हैं। डेवोन कोंवे ने 4 मैचों में 231 रन बनाये हैं।
वेस्टइंडीज़ के दिग्गज चैंपियन ड्वेन ब्रावो इस सीज़न में चेन्नई की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। आईपीएल के इतिहास में ब्रावो ने मुंबई के विरुद्ध सर्वाधिक 33 विकेट अपने नाम किए हैं। इसके अलावा वानखेड़े स्टेडियम में भी वह प्रभावशाली रहे हैं और इस सीज़न वानखेड़े में खेले गए दो मैचों में उनके नाम पांच सफलताएं हैं।
आठ मैचों में 12 विकेट लेकर चेन्नई के महीश थीक्षना आईपीएल के इमर्जिंग प्लेयर का ख़िताब हासिल करने के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। पावरप्ले में उनके नाम छह विकेट है जो किसी भी स्पिनर के लिए इस सीज़न में सर्वाधिक है।
मुंबई के कप्तान रोहित भले ही इस सीज़न में लय में नज़र नहीं आए हैं, जब बात वानखेड़े स्टेडियम की आती है तब उनके बल्ले से रनों की उम्मीद करना वाजिब है। इस मैदान पर रोहित ने टी20 मैचों में सर्वाधिक 1990 रन बनाए हैं। इस मैदान पर खेले गए पिछले छह मैचों में उनके स्कोर रहे है - 39, 71, 55, 24, 28, 47
आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी मुम्बई के इशान किशन ने हालिया मैचों में 51 और 45 रन बनाकर अपनी फ़ॉर्म को वापस पा लिया हैं। चेन्नई के विरुद्ध उन्होंने सात मैचों में 34 की औसत से 174 रन बनाए हैं। पावरप्ले में भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है और वह इस सीज़न में पहले छह ओवरों के दौरान केवल तीन बार आउट हुए हैं।
खराब दौर से गुजर रही मुम्बई की टीम में टिम डेविड एकमात्र चमकता सितारा हैं। गेंद को मैदान के बाहर भेजने की क्षमता रखने वाले टिम डेविड चेन्नई की डेथ गेंदबाज़ी के विरुद्ध ज़्यादा से ज़्यादा रन बटोरने का प्रयास करेंगे। उम्मीद के विपरित, 2021 से खेले गए सभी टी20 मैचों में स्पिन के ख़िलाफ़ उनकी औसत (40.88) काफ़ी बेहतर रही है।