लगातार दो मुकाबले जीत चुका गुजरात टाइटंस शुक्रवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ होने वाले आईपीएल मैच में जीत की हैट्रिक बनाने के उद्देश्य के साथ उतरेगा।
हार्दिक पांड्या की कप्तानी में गुजरात ने अपने पहले मैच में लखनऊ सुपरजायंट्स को पांच विकेट से और दूसरे मैच में दिल्ली कैपिटल्स को 14 रन से हराया था। दूसरी तरफ पंजाब किंग्स ने तीन में से दो मैच जीते हैं और एक हारा है। गुजरात 10 टीमों की तालिका में तीसरे और पंजाब चौथे स्थान पर है।
पंजाब पहली बार आईपीएल में गुजरात टाइटंस से 2-2 हाथ करेगी इस कारण दोनों में से किसी का भी हैड टू हैड रिकॉर्ड नहीं है।
पंजाब की है सशक्त बल्लेबाजी
पिछले मैच में भले ही पंजाब के बल्लेबाजों ने निराश किया था लेकिन फिर भी पंजाब की सशक्त बल्लेबाजी है। पंजाब किंग्स के पास शिखर धवन और नए कप्तान मयंक अग्रवाल के रूप में एक अनुभवी सलामी जोड़ी है।किंग्स की बल्लेबाज़ी लाइन अप एक टी20 टीम की परफ़ेक्ट लाइन अप है, और बल्लेबाज़ी सलाहकार के रूप में पावर हिटिंग विशेषज्ञ जूलियन वुड की नियुक्ति इस बात का एक और संकेत है कि वे इस सीज़न में कैसा खेलना चाहते हैं।
शाहरुख ख़ान और ओडिन स्मिथ सुनिश्चित करते हैं कि विस्फोटक बल्लेबाज़ी जारी रहेगी, जबकि हरप्रीत बराड़ और रबादा गहराई प्रदान करते हैं। दूनिया भर में घूम-घूम कर क्रिकेट खेलने वाले ऑलराउंडर बेनी हॉवेल, स्मिथ का बैक-अप हैं।
राहुल चाहर और बराड़ स्पिन विभाग की ज़िम्मेदारी संभालेंगे। चाहर अपने तेज़ लेगब्रेक से बल्लेबाज़ों को परेशान कर सकते हैं। अभी तक उनका आईपीएल 2022 में सफर खासा अच्छा जा रहा है। खासकर पिछले मैच में वह चेन्नई के खिलाफ खासे घातक सिद्ध हुए थे।
महंगे पड़ रहे हैं पंजाब के गेंदबाज
पंजाब किंग्स की सबसे बड़ी कमजोरी यह दिख रही है कि उसके गेंदबाज बहुत से रन लुटा रहे हैं। बैंगलोर से भले ही टीम जीत गई थी लेकिन उसे 200 से ज्यादा रन खाने पड़ गए थे। इसके अलावा कोलकाता के आंद्रे रसेल ने 30 गेंदो में 71 रन बनाए और पंजाब के गेंदबाजों की हालत टाइट कर दी। सिर्फ 14 ओवरों में ही कोलकाता ने 140 रन बना लिए। यह टीम के नेट रन रेट पर असर डाल रहा है।
भले ही चेन्नई के खिलाफ पंजाब के गेंदबाजों ने सामने वाली टीम को 126 पर समेट दिया हो लेकिन जब तक ऐसे निरंतर प्रदर्शन टीम नहीं करेगी यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकेगा कि पंजाब की गेंदबाजी मजबूत है।
तेज गेंदबाजी आक्रमण है गुजरात की सबसे बड़ी ताकत
गुजरात ने अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी ध्यान दिया है और नीलामी में ख़र्च भी उन्होंने गेंदबाज़ों के लिए दिल खोलकर किए हैं। उन्होंने सिर्फ़ तीन खिलाड़ियों के लिए ही 25.25 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं - लॉकी फ़र्ग्यूसन (10 करोड़), तेवतिया (9 करोड़) और मोहम्मद शमी (6.25 करोड़)
फ़र्ग्यूसन अपनी तेज़ गेंदबाज़ी से विपक्षी बल्लेबाज़ों पर क़हर बरपा सकते हैं, और जब उनके साथ शमी हों तो फिर समझ सकते हैं कि गुजरात का तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण कितना घातक हो सकता है। पहले मैच में शमी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 विकेट भी लिए थे।
पांचवें और छठे गेंदबाज़ के विकल्प के तौर पर कप्तान हार्दिक भी सीम गेंदबाज़ी करते दिख सकते हैं।इस टीम में वेस्टइंडीज़ के सीम गेंदबाज़ ड्रेक्स और अल्ज़ारी जोसेफ़ भी मौजूद हैं, साथ ही वरुण ऐरन और बाएं हाथ के सीमर यश दयाल भी ज़रूरत पड़ने पर अंतिम-XI का हिस्सा हो सकते हैं।
बल्लेबाजी में गहराई ना होना गुजरात के लिए बड़ी समस्या
काग़ज़ पर गुजरात टाइटन्स की बल्लेबाज़ी में गहराई नहीं दिख रही। इंग्लैड के बल्लेबाज़ जेसन रॉय ने ख़ुद को इंडियन प्रीमियर लीग 2022 से बाहर कर लिया है। लगातार बायो-बबल में रहते हुए वह थक गए थे और इसलिए उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए क्रिकेट से दूरी बना ली है।
जेसन के बाहर होने के बाद गुजरात की बल्लेबाज़ी को गहरा झटका लगा है। अब शुभमन गिल के साथ मैथ्यू वेड पारी का आग़ाज़ कर रहे हैं, हार्दिक पंड्या भी ख़ुद को शीर्ष मध्यक्रम में ला चुके हैं।हार्दिक की गैरमौजूदगी में राहुल तेवतिया ने पहले मैच में उनकी कमी नहीं खलने दी। हालांकि वह हर मैच में यह कर पाएंगे अभी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।
इन खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें
पंजाब किंग्स के कप्तान मयंक अग्रवाल का अब तक का आईपीएल सफर उतना खास नहीं गया है। पिछले मैच में चेन्नई के खिलाफ वह सिर्फ 4 रनों पर आउट हो गए थे। पंजाब के खिलाफ वह सिर्फ 1 रन पर पवैलियन लौट गए थे। सिर्फ बैंगलोर से हुए मैच में ही उन्होंने कुछ अच्छे हाथ दिखाए थे पर सिर्फ 32 रन ही बना पाए थे। उनके बल्ले से एक बड़ी पारी की दरकार है।
इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो वेस्टइंडीज़ में हुई टेस्ट सीरीज़ के बाद टीम के साथ जुड़ेंगे। आईपीएल में अप्रैल 1 के बाद तक कुल 78 बल्लेबाज़ों ने 1000 से अधिक रन बनाए हैं और उनमें सिर्फ़ पांच बल्लेबाज़ों की औसत 40 के ऊपर की है। बेयरस्टो के 41.5 की औसत से बनाए 1038 रन उन्हें उस विशेष श्रेणी में डालते हैं। हालांकि बेयरस्टो को अधिकांश सफलता बतौर ओपनर मिली है। उन्होंने नंबर चार पर दो ही पारियां खेली हैं लेकिन उसमें उनकी औसत और स्ट्राइक रेट 42.2 और 143 से गिरकर 33.5 और 126 के बन जाते हैं।
वैसे आंकड़ों के मामले में कगिसो रबाडा पिछले कुछ सीज़न से आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ रहे हैं। 2019 के बाद से उनके लिए गए 71 विकेट आईपीएल में किसी भी गेंदबाज़ से ज़्यादा हैं। ऊपर से आईपीएल में 50 या उससे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों में रबादा का स्ट्राइक रेट (15 के स्ट्राइक रेट से 51 पारियों में 77 विकेट) सबसे अच्छा है। हालांकि उनका रिकॉर्ड चेन्नई के ख़िलाफ़ काफ़ी साधारण रहा है। पांच पारियों में केवल पांच विकेट लेते हुए 22.4 का उनका स्ट्राइक रेट किसी भी विपक्षी टीम से ज़्यादा है। पिछले सीज़न चेन्नई के ख़िलाफ़ दो मैचों में मिलाकर उन्होंने बिना कोई विकेट लिए सात ओवर डाले थे और वह उम्मीद करेंगे कि इस रिकॉर्ड को बेहतर बना सकें। हालांकि पिछले मैच में रबाड़ा अपना कोटा भी नहीं पूरा कर पाए थे और उन्होंने चेन्नई के खिलाफ 3 ओवर में 28 रन देकर 1 विकेट हासिल किया था। यह प्रदर्शन बहुत खराब तो नहीं था लेकिन उनके छवि के अनूरूप नहीं था।
पहले मैच में विजय शंकर बल्लेबाजी में कुछ खास नहीं कर पाए थे। वह 4 रन बनाकर अपनी गिल्लयां खो बैठे थे। 2019 वनडे विश्वकप का भाग रहे विजय शंकर को गेंदबाजी नहीं मिली थी। दूसरे मैच में उनको गेंदबाजी तो मिली लेकिन उन्होंने 1 ओवर में 14 रन दे डाले। वहीं बल्लेबाजी मेँ उन्होंने फिर निराश किया और सिर्फ 13 रन ही बनाए। विजय शंकर को गेंद और बल्ले से योगदान के लिए टीम में रखा है लेकिन फिलहाल वह दोनों ही काम नहीं कर पा रहे हैं।इस कारण उन पर काफी लोगों की निगाहें रहेंगी।
पहले मैच में जहां गुजरात का लगभग हर एक गेंदबाज लखनऊ के ऊपर कहर बरपा रहा था। वरुण एरॉन काफी महंगे साबित हो रहे थे। उन्होंने 2 विकेट लेकर 11.25 की इकॉनोमी से 45 रन दिए। इसके बाद वरूण को दूसरे मैच में भी मौका मिला और दिल्ली के खिलाफ वह 1 ओवर में 7 रन दिए। कल उन्हें मौका मिलता भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।