आईपीेएल ने कई जिंदगियों को छुआ है और बदला है। ऐसी ही एक जिंदगी रिंकू सिंह की भी है। केकेआर को शानदार जीत दिलाने वाले प्लेयर और मैन ऑफ द मैच अलीगढ़ के रिंकू सिंह रहे।
रिंकू सिंह ने 23 बॉल पर नाबाद 42 रन बनाए और 6 चौकों के साथ एक जोरदार छक्का लगाय। इतना ही नहीं, दमदार बैटिंग के साथ उनकी दमदार फील्डिंग भी दिखी, जहां रिंकू ने 2 कैच पकड़े। रिंकू सिंह ने नीतीश राणा के साथ चौथे विकेट के लिए 38 गेंद में 66 रनों की साझेदारी की। राणा ने भी 37 गेंद में 48 रन बनाये।
पिता करते थे सिलेंडर भिजवाने का काम
हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। रिंकू पांच भाई बहनों में तीसरे हैं। रिंकू सिंह के पिता घर घर जाकर गैस डिलीवरी का काम करते थे। इसके अलावा उनका एक भाी रिक्शा चलाता था और एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाता था।
9वीं फेल हो गए थे रिंकू
9वीं कक्षा में फेल होने वाले रिंकू सिंह को ज्यादा पढ़ा लिखा ना होने के कारण ढंग की नौकरी नहीं मिल रही थी। उनके भाई उनको एक जगह लेकर गए जिसमें झाडू लगाने का काम था।
परिवार को था रिंकू के क्रिकेट प्रेम से दिक्कत
घर के हालात ऐसे थे और रिंकू क्रिकेट के लिए दीवाना था। परिवार का कोई भी सदस्य रिंकू के साथ उसके क्रिकेट करियर के फैसले पर सहमत नहीं था। हालांकि एक दिन रिंकू को साल 2012 में क्लब क्रिकेट के मैच में एक बाइक तोहफे में मिली तब परिवार रिंकू को क्रिकेट खेलने देने के लिए राजी हो गया।
परिवार पर पड़ा 5 लाख का लोन
साल 2015 भी रिंकू के परिवार के लिए अच्छा नहीं रहा। परिवार पर 5 लाख रुपए का लोन आ गया। ऐसे में उत्तर प्रदेश अंडर 19 टीम का हिस्सा रहे रिंकू ने जैसे तैसे परिवार का कर्ज उठाया।