दिल्ली कैपिटल्स को अंतिम ओवर में 36 रन चाहिए थे। रावमैन पॉवेल (28 रन, 15 गेंद, पांच छक्के) ने ओबेद मैकॉय की पहली तीन गेंदों पर छक्के जड़ दिये। अब 3 गेंदो में 18 रनों की दरकार थी। यानि की मैच दिल्ली जीत सकती थी अगर अगली 3 गेंदो पर पॉवेल छक्का जड़ देते। लेकिन तीसरी गेंद को नो-बॉल करार नहीं करने पर दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाने लगे। कोच प्रवीण आमरे इशारे से नो-बॉल चेक करने को कह रहे थे, इससे कुछ देर तक मैच रूक गया।
दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत में राजस्थान रॉयल्स के हाथों मिली हार के बाद कहा,'मुझे लगता है कि उन्होंने बढ़िया गेंदबाज़ी की लेकिन पॉवेल ने कहीं ना कहीं मैच को हमारे पक्ष में ला दिया था। तीसरे अंपायर को या किसी को भी उस नो गेंद को चेक करना चाहिए था लेकिन यह मेरे कंट्रोल में नहीं है तो मैं कुछ नहीं कर सकता।'
पंत ने मैच के बाद कहा,'ऐसा होना काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम और ज़्यादा बढ़िया गेंदबाज़ी कर सकते थे लेकिन यह इस खेल का एक हिस्सा है। मैं अपने खिलाड़ियों से कहूंगा कि ज़्यादा ना सोंचे और अगले मैच की तैयार करें।'
सैमसन ने गेंद को फुल टॉस करार दिया
राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने शुक्रवार को यहां इंडियन प्रीमियर लीग मैच में दिल्ली कैपिटल्स पर मिली जीत के बाद नो-बॉल संबंधित बहस पर कहा कि यह फुल टॉस गेंद थी जिसे अंपायर ने इसे सामान्य गेंद दिया और वह अपने फैसले पर अडिग रहे।
इस पर प्रतिक्रिया करते हुए सैमसन ने कहा, यह छक्का था, यह फुल टॉस गेंद थी। अंपायर ने इसे सामान्य गेंद करार किया था। लेकिन बल्लेबाज इसे नो-बॉल करने की मांग कर रहे थे। लेकिन अंपायर ने अपना फैसला स्पष्ट कर दिया था और वह इस पर अडिग रहे।
जोस बटलर (119 रन) के शतक और साथी सलामी बल्लेबाज देवदत्त पडीक्कल (54 रन) के साथ पहले विकेट के लिये 155 रन की साझेदारी की बदौलत राजस्थान रॉयल्स ने दो विकेट पर 222 रन बनाये।
दिल्ली कैपिटल्स 20 ओवर में आठ विकेट पर 207 रन ही बना सकी।