4 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद जो खुशी मनाई जानी थी, वो कुछ ही पलों में मातम में बदल गई। बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जीत का जुलूस (RCB Victory Parade) देखने जमा हुई भारी भीड़ में भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और 75 से ज्यादा लोग घायल हो गए। RCB ने आईपीएल इतिहास में पहली बार खिताब जीता था 18 साल के लंबे इंतज़ार के बाद। RCB Fans के लिए ये एक जश्न का मौका था, लेकिन कुछ ही मिनटों में ये जश्न एक भयानक हादसे में बदल गया।
गिरफ़्तारी, ग़ुस्सा और आरोपों का दौर
इस हादसे के बाद बेंगलुरु पुलिस ने RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले (Nikhil Sosale) को आयोजन में लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने भी मामले में सख्त कार्रवाई की बात कही है। कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, जिनमें इंस्पेक्टर से लेकर कमिश्नर तक शामिल हैं।
अब सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए पुख़्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए गए? क्या आयोजकों और फ्रेंचाइज़ी मैनेजमेंट दोनों ने लापरवाही बरती?
सरकार, फ्रेंचाइज़ी या फैन्स, जिम्मेदार कौन?
ये हादसा एक अहम सवाल उठाता है: आख़िर ज़िम्मेदार कौन है?
क्या सरकार ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल नहीं लगाया?
क्या RCB मैनेजमेंट ने इतनी भीड़ की संभावना को नज़रअंदाज़ किया?
या फिर क्या खुद फैन्स ने थोड़ी ज़्यादा जिम्मेदारी दिखाई होती तो ये हादसा टल सकता था?
सच्चाई ये है कि यह एक सामूहिक विफलता थी। और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है।
एक वैश्विक चेतावनी, जिसे नज़रअंदाज़ किया गया!
बेंगलुरु की इस भगदड़ से कुछ दिन पहले फ्रांस (France) में भी ऐसा ही हादसा हुआ। जब पेरिस सेंट-जर्मेन (Paris Saint-Germain) ने पहली बार UEFA चैंपियंस लीग (UEFA Champions League) का खिताब जीता, तो वहां जश्न के दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि PSG और RCB दोनों की स्पॉन्सर कंपनी एक ही है। IPL Final से पहले सोशल मीडिया पर मज़ाक (Memes) में कहा जा रहा था कि जैसे PSG ने पहली बार ट्रॉफी जीती इस बार RCB भी अपनी पहली टॉफी जीत सकती है। वहीँ कुछ फैन्स ने चिंता जताई थी कि अगर RCB जीती तो फैन्स की भीड़ कैसे संभाली जाएगी? दुर्भाग्यवश, वो डर सच साबित हुआ और भगदड़ के दौरान 11 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
कब सीखेंगे हम?
इतिहास हमें बार-बार चेतावनी देता है चाहे वो धार्मिक आयोजनों की भगदड़ हो, म्यूज़िक कॉन्सर्ट हो या खेल की जीत का जश्न। लेकिन हर बार वही लापरवाही, वही दुखद नतीजा। RCB के फैन्स बहुत जुनूनी हैं, यह बात सभी जानते हैं। लेकिन आयोजकों की तैयारी न होना बिल्कुल अस्वीकार्य है। भीड़ को कैसे नियंत्रित करना है, ये कोई रहस्य नहीं है। इस हादसे को रोका जा सकता था।
अब आगे क्या?
ये घटना सिर्फ RCB या आयोजकों के लिए नहीं, बल्कि सभी शहरों, आयोजनों और प्रशासनों के लिए चेतावनी है।
प्रशासन को सख़्त भीड़ नियंत्रण के नियम लागू करने चाहिए।
आयोजकों को पुलिस और प्रशासन के साथ बेहतर तालमेल बनाना चाहिए।
फैन्स को भी जिम्मेदारी से जश्न मनाना सीखना होगा।
किसी भी जीत की कीमत इंसानी जान नहीं होनी चाहिए। ये हादसा हमारे लिए आखों को खोलने वाली घटना है। जश्न को मातम में बदलने से रोकना हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।