राजस्थान रॉयल्स के कप्तान और कोच शेन वॉर्न ने इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ आखिरी गेंद पर मिली जीत को अपने 20 बरस के करियर की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक बताया। वॉर्न ने युवा बल्लेबाज नीरज पटेल (नाबाद 40) और रविंदर जडे़जा (23 नाबाद) की भी तारीफ की।
मैच के बाद राजस्थान रॉयल्स के कप्तान ने कहा कि यह सनसनीखेज जीत थी। मैं इसे अपने 20 साल के करियर के सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक करार दूँगा। यह पूछने पर कि राजस्थान रॉयल्स इतने रोमांचक मैच कैसे जीत लेता है? 38 वर्षीय कप्तान ने कहा कि दबाव के हालात में अच्छा प्रदर्शन करना, आत्मविश्वास को इंगित करता है।
उन्होंने कहा कि इतने नजदीकी मुकाबलों में आत्मविश्वास सबसे अहम है। सब उसी पर निर्भर करता है कि आप दबाव का सामना कैसे करते हैं। मुझे फख्र है कि पटेल और जडे़जा ने बखूबी दबाव को झेला। कवर्स के ऊपर से जडे़जा का लगाया छक्का अविश्वसनीय था। यह उनकी प्रतिभा को जाहिर करता है। पटेल ने भी जता दिया कि वह ऐसे हालात में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
सोमवार की रात सवाई मानसिंह स्टेडियम में एक ओर मुंबई इंडियन्स जैसी अनुभवी टीम दबाव नहीं झेल सकी तो दूसरी ओर पटेल और जडे़जा जैसे बच्चों के सहारे राजस्थान ने सनसनीखेज जीत हासिल की। इस पर वॉर्न ने कहा कि हम युवाओं में आत्मविश्वास भरते हैं।
वॉर्न के अनुसार हमारी टीम का स्लोगन है कि 'रास्ता तलाशों और अपनी भूमिका निभाओ'। मुझे गर्व है कि मेरी टीम ऐसा कर रही है। नीरज पटेल जैसे नए मैच विनर के आने से हमारा सिरदर्द बढ़ गया है। हम सोहेल तनवीर को अनदेखा नहीं कर सकते। हर किसी को टीम में रखना संभव नहीं है।
हमारे लिए अब चयन के दौरान काफी मुसीबत होगी। कप्तान और कोच की दोहरी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि कोचों की जरूरत विकास की प्रक्रिया में होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी जरूरत नहीं है। वॉर्न ने मुंबई इंडियन्स के कोच लालचंद राजपूत के इस बयान पर भी कटाक्ष किया कि तकदीर मुंबई के साथ नहीं थी।
उन्होंने कहा कि यदि आखिरी ओवर में दिलहारा फर्नांडो जैसे अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज दबाव के हालात में वाइड बॉल फेंकता है तो यह बदकिस्मती कैसे है। इसका तकदीर से कोई सरोकार नहीं है। आपको दबाव में खेलना आना चाहिए।