कोलकाता नाइट राइडर्स बेशक आईपीएल ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में नहीं पहुँच सके, लेकिन उसके कप्तान सौरव गांगुली ने अपने प्रदर्शन से दिखा दिया कि अब उन्हें एकदिवसीय टीम से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गांगुली ने रविवार को कोलकाता के ईडन गार्डन में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ विपरीत परिस्थितियों में नाबाद 86 रन की विलक्षण पारी खेलकर कोलकाता नाइट राइडर्स को सनसनीखेज जीत दिलाई थी। कोलकाता टीम एक समय नाजुक हालत में नजर आ रही थी, लेकिन गांगुली ने मात्र 53 गेंदों में छह छक्के और छह चौंके उड़ाकर अपनी टीम को अविश्वसनीय जीत दिला दी।
गांगुली ने टूर्नामेंट का समापन 13 मैचों में 349 रन के साथ किया। उनका सर्वाधिक स्कोर 91 औसत 29.08 और स्ट्राइक रेट 113.68 रहा। उन्होंने टूर्नामेंट में तीन अर्धशतक बनाए। गांगुली ने टूर्नामेंट में कुल 33 चौके और 15 छक्के मारे।
गांगुली के मुकाबले आईपीएल के इतने ही मैचों में भारत के एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 टीमों के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का प्रदर्शन देखा जाए तो गांगुली बीस नजर आते हैं।
धोनी ने आईपीएल में अपनी चेन्नई सुपर किंग्स टीम के अब तक के 13 मैचों में 348 रन बनाए हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 65 औसत 38.66 और स्ट्राइक रेट 129.85 है। उन्होंने टूर्नामेंट में दो अर्धशतक बनाए हैं। वे अब तक 33 चौके और 12 छक्के मार गए हैं।
गांगुली की तरह भारत की एकदिवसीय टीम से बाहर चल रहे पूर्व कप्तान राहुल द्रविड की बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स टीम आईपीएल के सेमीफाइनल में नहीं पहुँच पाई, लेकिन द्रविड़ ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया।
द्रविड़ ने आईपीएल के 13 मैचों में 360 रन बनाए। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 75 रन, औसत 30.00 और स्ट्राइक रेट 127.65 है। द्रविड़ ने टूर्नामेंट में दो अर्धशतक बनाने के अलावा 35 चौके और 11 छक्के मारे हैं।
भारत के दोनों पूर्व कप्तानों गांगुली और द्रविड ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से खुद को साबित किया है। उनके इस प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के लिए बांग्लादेश में त्रिकोणीय टूर्नामेंट और फिर पाकिस्तान में एशिया कप के लिए उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। सचिन तेंडुलकर भी बार-बार कह चुके हैं कि टीम में चयन के लिए उम्र को नहीं, बल्कि प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाना चाहिए।