इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट में अपने ताबड़तोड़ प्रदर्शन से सबको स्तब्ध करने वाली राजस्थान रॉयल्स की टीम जब रविवार को अपने घरेलू मैदान में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ मोर्चा संभालेगी तो उसके जेहन में दिल्ली से पहले मैच में मिली करारी हार का बदला चुकाने का इरादा होगा।
राजस्थान की टीम ने अभी तक आठ मैच खेले हैं और छह मैच जीतकर 12 अंक के साथ वह तालिका में शीर्ष पर है। राजस्थान को मुंबई इंडियन्स और दिल्ली डेयरडेविल्स की टीमों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था।
ऐसे में जब राजस्थान के कप्तान शेन वॉर्न अपने घरेलू दर्शकों के सामने डेयरडेविल्स टीम की चुनौती का सामना कर रहे होंगे तो उनके जेहन में वीरेंद्र सहवाग के नेतृत्व वाली टीम को पटखनी देने का जोरदार इरादा होगा।
ज्ञातव्य है कि दिल्ली से पहला मैच नौ विकेट से हारने के बाद राजस्थान की टीम को टूर्नामेंट की सबसे कमजोर टीम माना जाने लगा था लेकिन उसने बाद में जबर्दस्त वापसी करते हुए सभी शीर्ष टीमों को मात दी और आलोचकों के मुँह पर ताले जड़ दिए।
ग्रीम स्मिथ, यूसुफ पठान, शेन वॉटसन, रवीन्द्र जडे़जा, मोहम्मद कैफ जैसे बल्लेबाजों से सजी राजस्थान की टीम ने सभी शीर्ष टीमों के गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त किया है और बडे़ लक्ष्य का पीछा भी आसानी से किया है।
हालाँकि राजस्थान की टीम जब अपने पहले मैच में दिल्ली की टीम से हारी थी तो उनके टीम में स्मिथ, दिमित्री मास्करनहेस जैसे बल्लेबाज शामिल नहीं थे।
स्मिथ के आने के बाद राजस्थान की टीम बेहद मजबूत हो गई है। गेंदबाजी में सोहेल तनवीर, मुनाफ पटेल, वॉटसन और खुद कप्तान वॉर्न किसी भी बल्लेबाजी क्रम में सेंध लगाने की कूवत रखते हैं।
दूसरी तरफ दिल्ली की टीम लगातार दो मैच हारकर पिछले पैरों पर खड़ी है। उसे चार मई को मुंबई इंडियन्स तथा आठ मई को चेन्नई सुपर किंग्स से हार का सामना करना पड़ा था।
दिल्ली ने अब तक सात मैच खेले हैं, जिनमें चार जीत और तीन हार के साथ उसके आठ अंक हैं। वह तालिका में चौथे स्थान पर है।
अब जब सहवाग के नेतृत्व में दिल्ली की टीम राजस्थान के खिलाफ मैच में उतरेगी तो उस पर अपने हार के सिलसिले को तोड़ने का जबर्दस्त दबाव होगा।
इसके अलावा ग्लेन मैग्राथ और मोहम्मद आसिफ जैसे गेंदबाजों के सामने राजस्थान के मजबूत और धाकड़ बल्लेबाजी क्रम में सेंध लगाने की मुश्किल चुनौती होगी।
उधर दिल्ली को आखिरी ओवरों में ज्यादा रन देने की आदत से भी बचना होगा तभी राजस्थान के खिलाफ उनकी नैया पार लग सकती है।
हालाँकि दिल्ली की बल्लेबाजी सहवाग, गौतम गंभीर, शिखर धवन, शोएब मलिक, मनोज तिवारी जैसे जाने-माने बल्लेबाजों से सजी है लेकिन यह देखना रोचक होगा कि क्या एक बार फिर दिल्ली के बल्लेबाज राजस्थान के खिलाफ अपना शानदार प्रदर्शन दोहरा पाएँगे।
राजस्थान और दिल्ली दोनों के कप्तान अपनी-अपनी रणनीति से एक दूसरे को फाँसने की कोशिश करेंगे।
दिल्ली जहाँ यह मैच जीतकर अपने हार के सिलसिले को खत्म करने की कोशिश करेगा, वहीं दूसरी तरफ वॉर्न दिल्ली को मात देकर एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश करेंगे। पहला दिल्ली से मिली हार का बदला चुकाना और दूसरा तालिका में शीर्ष पर स्थान बरकरार रखना।