हरभजनसिंह के कोच देविंदर अरोड़ा ने कहा कि बीसीसीआई द्वारा इस तुनकमिजाज ऑफ स्पिनर पर पाँच एक दिवसीय मैचों का प्रतिबंध लगाया जाना न्यायोचित नहीं है क्योंकि एक ही अपराध के लिए उसे दो बार सजा दी गई।
कोच ने कहा कि हरभजन पहले ही आईपीएल के ग्यारह मैचों का प्रतिबंध झेल रहे हैं। आईपीएल भी बोर्ड समर्थित टूर्नामेंट है। मेरा मनाना है कि बोर्ड को उसे चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए था। उसे दूसरी बार सजा नहीं दी जानी चाहिए थी।
बीसीसीआई ने इस स्पिन गेंदबाज पर टीम इंडिया के अपने साथी एस श्रीसंथ को थप्पड़ मारने के आरोप में पाँच वन डे मैचों का प्रतिबंध लगा दिया और चेतावनी दी कि अगर भविष्य में उन्होंने अपने व्यवहार में सुधार नहीं किया तो उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
बचपन से हरभजन को क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच का मानना है कि बोर्ड को आईपीएल के प्रतिबंध के बाद उसके प्रति नरम रुख अपनाना चाहिए था।
इस बीच हरभजन की माँ अवतार कौर ने सवालों से सीधे जवाब से बचते हुए कहा कि बोर्ड ने जो भी किया है वह ठीक ही होगा। उन्होंने कहा कि मुझे इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कहना।
पंजाब क्रिकेट संघ की कोचिंग सीमिति के अध्यक्ष डीपी आजाद का भी यही मानना है कि बोर्ड को नरम रवैया अपनाना चाहिए था।