आईपीएल टूर्नामेंट अब इस मोड़ पर आ खड़ा हुआ है, जहाँ टीम इंडिया के खिलाड़ियों को अपने ही साथी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में कट्टर विरोधी नजर आने लगे हैं।
कुछ ऐसी ही स्थिति अब दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेन्द्र सहवाग की बन गई है, जिन्हें आईपीएल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए ऐसे दो खिलाड़ियों के साथ भिड़ना है जिनके साथ एकदिवसीय मैचों में उनकी सफल जोड़ी रही है।
सहवाग की दिल्ली टीम को आईपीएल टूर्नामेंट में अब अपने बचे शेष दो मैचों में सौरव गांगुली की कोलकाता नाइट राइडर्स और सचिन तेंडुलकर की मुम्बई इंडियन्स से खेलना है।
दिल्ली डेयरडेविल्स को ये दोनों मैच अपने फिरोजशाह कोटला मैदान में खेलने हैं। दिल्ली को यदि सेमीफाइनल में पहुँचना है तो उसे न केवल ये दोनों मैच जीतने होंगे बल्कि दूसरी टीमों के मैचों के परिणाम पर भी निर्भर रहना होगा। दिल्ली को पहले गुरुवार को कोलकाता से और फिर शनिवार को मुम्बई से भिड़ना है।
सहवाग को इन मैचों में सौरव और सचिन की चुनौती पर काबू पाना होगा। ऐसे हालात में यह देखना वास्तव में दिलचस्प होगा कि सहवाग टीम इंडिया के अपने इन जोड़ीदारों के खिलाफ क्या रणनीति अख्तियार करते हैं।
एकदिवसीय टीम में सचिन और सौरव की सफल जोड़ी चलती थी लेकिन सहवाग के आने के बाद सौरव ने ओपनिंग में अपनी जगह उनके लिए छोड़ दी थी। पिछले एक वर्ष में खराब फॉर्म के कारण सहवाग वनडे टीम से बाहर हुए थे तो सचिन और सौरव की फिर से जोड़ी बनी लेकिन अब सौरव वनडे टीम से बाहर हो चुके हैं और वनडे टीम में वापसी की कोशिशों में लगे हुए हैं।
सहवाग ने बेंगलोर रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ सोमवार को बेंगलोर में 'करो या मरो' के मुकाबले में अपनी टीम की पाँच विकेट से जीत के बाद विश्वास जताया कि उनकी टीम इस जीत से मिले आत्मविश्वास को कोलकाता और मुंबई के खिलाफ बरकरार रखेगी और सेमीफाइनल में पहुँचेगी।
दिल्ली के कप्तान ने बेंगलोर के खिलाफ 47 रन की विस्फोटक पारी खेली थी। सहवाग का दिल्ली के बाहरी मैचों में अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन वह अपने मैदान में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
कोटला में पिछले तीन मैचों में दिल्ली ने चेन्नई और पंजाब टीमों के खिलाफ जो दो पराजय झेली है, उसमें सहवाग के दो ओवरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। चेन्नई के खिलाफ सहवाग के एक ओवर में 23 रन और पंजाब के खिलाफ एक ओवर में 22 रन पड़े थे। इन दो ओवरों ने मैच के परिणाम ही बदल डाले थे और दिल्ली ये मैच जीतते-जीतते हार गई थी।
सहवाग ने बेंगलोर के खिलाफ मैच में एक भी ओवर नहीं डाला था और उनकी टीम पाँच विकेट से मैच जीत गई थी। कोलकाता और मुंबई के खिलाफ दिल्ली की जीत की उम्मीदों में सहवाग के व्यक्तिगत प्रदर्शन और सौरव, सचिन के खिलाफ उनकी रणनीति की प्रमुख भूमिका रहेगी।