मोहर्रम मास इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है। जब पैगंबर मुहम्मद और उनके साथी मक्का से मदीना जा बसे, तब मदीना पहुंचने पर पहली बार मुस्लिम समुदाय की स्थापना की गई थी। ये एक घटना थी जिसे हिजरी यानी प्रवास के रूप में मनाया जाता है। इस तरह, नए साल का पहला दिन अलहिजरी के तौर पर जाना जाता है। मुस्लिम धर्मसमुदाय रमजान के बाद उसे मोहर्रम मास को दूसरा पवित्र महीना मानते हैं। यह माह साल के 4 पवित्र महीनों में से ये एक है, जब लड़ाई मना हो जाती है।