अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। इस दिन पूजा के बाद 14 गांठें बनाकर अपने बाजू पर धागा बांधा जाता है। ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को यदि 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रती को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
5. आप चाहें तो भगवान विष्णु की कोई तस्वीर भी लगा सकते हैं।
6. पूजा स्थल पर बैठकर एक डोरी या धागे में कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं।
11. पूजन के बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें।
12. याद रहे कि अनंत सूत्र पुरुष अपने दाएं हाथ पर बांधेंगे और महिलाएं बाएं हाथ पर।