फेसबुक से बढ़ा रि‍श्‍तों का दायरा

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एक अध्‍ययन ने सोशल मीडि‍या वेबसाइट के बारे में इस गलत फहमी को दूर कर दि‍या है कि‍ सोशल नेटवर्किंग साइट्स रि‍श्तों को कमजोर कर रही हैं। अध्‍ययन में यह तथ्‍य सामने आया है कि‍ तेजी से लोकप्रि‍य हो रही सोशल नेटवर्किंग साइट 'फेसबुक' लोगों के बीच संबंधों को कमजोर नहीं बल्‍कि‍ मजबूत बना रही है।

यूनि‍वर्सि‍टी ऑफ टेक्‍सास द्वारा कि‍ए गए एक अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि‍ फेसबुक से लोगों का मि‍लना जुलना बंद नहीं हुआ है बल्‍कि‍ इसने दोस्‍ती के रि‍श्‍ते को नए आयाम दि‍ए हैं। 900 कॉलेजों के छात्रों के बीच कराए गए सर्वेक्षण से यह नि‍ष्कर्ष नि‍काला गया है। इन छात्रों से पूछा गया था कि‍ वे फेसबुक पर कि‍ससे और कैसे जुड़ते हैं।

60 प्रति‍शत फेसबुक यूजर्स का कहना है कि‍ स्‍टेटस अपडेट करना और कमेंट करना फेसबुक की सबसे पापुलर एक्‍टि‍वि‍टी है। 49 प्रति‍शत यूजर्स ने कहा कि‍ वे अपने दोस्‍त को इस पर मैसेज भी करते हैं।

अध्‍ययन में यह भी सामने आया कि‍ फेसबुक पर पुरुष और महि‍लाएँ बराबर की संख्‍या में हैं और दोनों का ही फेसबुक को यूज करने का तरीका अलग-अलग है। महि‍लाओं को फेसबुक पर अपने फोटो शेयर करने में मजा आता है, वहीं पुरुष राजनीति‍क चर्चाओं और पॉप-कल्‍चर की लिंक शेयर करने में ज्‍यादा दि‍लचस्‍पी दि‍खाते हैं।

फेसबुक के जरि‍ए आज युवा न सि‍र्फ अपने मि‍त्रों, सहकरमि‍यों या परि‍वार के साथ संपर्क को बढ़ा रहे हैं बल्‍कि‍ इससे उनका सामाजि‍क दायरा बढ़ा है। आज का युवा सोशल नेटवर्किंग का कई तरह से उपयोग कर रहा है और यही फेसबुक के लि‍ए बड़ी चुनौती है।

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